कांकेर : “एक अविवाहित कांस्टेबल है, इसलिए पुलिस अधिकारी उससे गलत नियत की अपेक्षा रखते हैं, मुझे कहीं से न्याय नहीं मिला है, मैं 19 मई को कलेक्टर कार्यालय में आत्मदाह कर लूंगी” … लेडी कांस्टेबल SP और इंस्पेक्टर पर संगीन आरोप से पुलिस विभाग में हड़कंप मच गया है। मामला छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले का है। जहां एक महिला कांस्टेबल ने एसपी, RI सहित अन्य पुलिस अफसरों पर सनसनीखेज आरोप लगाया है। लेडी कांस्टेबल ने इस मामले में कलेक्टर को पत्र लिखकर कहा है कि, उसे अब तक न्याय नहीं मिला है, इसलिए वो 19 मई को कलेक्टर कार्यालय के सामने आत्मदाह कर लेगी। पत्र में जिस तरह की शिकायतें हैं, वो काफी गंभीर है।

महिला आरक्षक ने लिखा है कि वो अविवाहित है, इसलिए बहुत से पुलिस अधिकारी उससे गलत नीयत की अपेक्षा रखते हैं। महिला आरक्षक के इस गंभीर आरोपों पर कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने तुरंत संज्ञान लिया है। कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने इस मामले में महिला डिप्टी कलेक्टर की अगुवाई में 5 सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है।

अविवाहित महिला आरक्षक पर गलत नियत
कलेक्टर ने इस मामले में 7 दिन के भीतर कमेटी से जांच रिपोर्ट तलब की है।महिला आरक्षक कांकेर में एसपी कार्यालय के महिला प्रकोष्ठ सेल में पोस्टेड है। कांस्टेबल का आरोप है कि पुलिस अधिकारी उसे प्रताड़ित करते हैं। जबकि, उसने अब तक दिये तमाम जिम्मेदारियों को बखूबी निभाया है। आरोप ये है वो एक अविवाहित कांस्टेबल है, इसलिए पुलिस अधिकारी उससे गलत नियत की अपेक्षा रखते हैं। गलत ईरादों को पूरा नहीं किये जाने पर उसे मानसिक और आर्थिक रूप से प्रताड़ित किया जाता है।

2020 में भी हो चुकी है प्रताड़ित
महिला कांस्टेबल का ये भी आरोप है कि 2020 में भी उसे इसी तरह से प्रताड़ित किया गया था, तब के बाद वो किसी तरह से इससे उबरने का प्रयास कर रही थी, लेकिन फिर से उसे प्रताड़ित किया जाने लगा। महिला कांस्टेबल ने एसपी पर भी आरोप लगाया है, कि इस मामले में कोर्ट में याचिका लगाने की अनुमति, पत्रकार वार्ता लेने की अनुमति, आत्महत्या करने की अनुमति और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने जैसे आवेदन दिये गये, तो ना तो अनुमति दी गयी और ना ही कार्रवाई की गयी। इससे उलट उस पर दवाब बनाना शुरू कर दिया गया।

महिला कांस्टेबल ने पुलिस अधीक्षक, रक्षित निरीक्षक और अन्य अधिकारी पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए अधिकारी का दुरुपयोग कर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। कांस्टेबल ने पत्र में लिखा है कि वो भी आत्महत्या करना चाहती है, लेकिन मरने से पहले शोषण और षड़यंत्र करने वालों की सच्चाई उजागर करना चाहती हूं।

डीसी प्रियंका शुक्ला ने डिप्टी कलेक्टर को बनाया जांच अधिकारी
इस मामले में शिकायत मिलते ही कलेक्टर प्रियंका शुक्ला ने तुरंत ही एक्शन लिया है। कलेक्टर ने इस मामले में डिप्टी कलेक्टर आस्था बोरकर की अगुवाई में एक जांच टीम गठित की है। वहीं इस टीम में समाज कल्याण विभाग के उप संचालक सिनीवाली गोयल, अधिवक्ता रेखा निषाद, बुलबुल शिक्षण प्रशिक्षण की अध्यक्ष बुलबुल वैद्य और डॉ विमल भगत को शामिल किया गया है। इस मामले में कमेटी से 7 दिन के भीतर जांच रिपोर्ट मांगी गयी है।

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