HPBL ब्रेकिंग : झारखंड की राज्यपाल रही द्रौपदी मुर्मू होगी राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार... NDA ने अपने प्रत्याशी के नाम का किया ऐलान....जानिये कौन है द्रौपदी मुर्मू...

रांची। झारखंड की राज्यपाल रही द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार होंगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जेपी नड्डा ने कहा कि देश को पहली बार आदिवासी समुदाय से एक राष्ट्रपति देने की तैयारी है. उनके नाम का ऐलान कर पार्टी ने एक तरफ आदिवासी समुदाय को साधने का काम किया है तो वहीं दूसरी तरफ महिला सशक्तिकरण को लेकर भी संदेश दिया है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए बीजेपी की तरफ से अपने उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया गया है. पार्टी ने द्रौपदी मुर्मू को अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है. बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने द्रौपदी मुर्मू के नाम का ऐलान करते वक्त इस बात पर जोर दिया कि इस बार एक महिला राष्ट्रपति को मौका मिलना चाहिए.

द्रौपदी मुर्मू की बात करें तो वे देश की पहली आदिवासी राज्यपाल बनाई गई थीं. वे साल 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रही थीं.जानकारी के लिए बता दें कि देश के नए राष्ट्रपति का चुनाव 18 जुलाई को होना है. वोटों की गिनती 21 जुलाई को होगी. चुनाव आयोग ने इसके लिए अधिसूचना जारी कर दी है. अधिसूचना जारी किए जाने के साथ ही नामांकन की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 29 जून है।

द्रौपदी मुर्मू के बारे में जानिये:

द्रौपदी मुर्मू 18 मई 2015 को झारखण्ड की राज्यपाल बनी थी। वो झारखण्ड की प्रथम महिला राज्यपाल थी। वो वर्ष 2000 से 2004 तक ओडिशा विधानसभा में रायरंगपुर से विधायक तथा राज्य सरकार में मंत्री भी रहीं। वो पहली ओडिया नेता हैं जिन्हें किसी भारतीय राज्य की राज्यपाल नियुक्त किया गया है। वो भारतीय जनता पार्टी और बीजू जनता दल की गठबन्धन सरकार में 6 मार्च 2000 से 6 अगस्त 2002 तक वाणिज्य और परिवहन के लिए स्वतंत्र प्रभार की राज्य मंत्री रही। 6 अगस्त 2002 से 16 मई 2004 तक मत्स्य पालन और पशु संसाधन विकास राज्य मंत्री रहीं।

द्रौपदी मुर्मू अपनी सादगी के लिए भी याद की जाती हैं।

राजभवन में रहते हुए भी उनकी सादगी की हमेशा चर्चा होती रही। वे खुद शाकाहारी हैं। उन्होंने पूरे राजभवन परिसर में मांसाहार पर रोक लगाई। राज्यपाल के रूप में मुर्मू प्रतिदिन विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधियों तथा किसी समस्या लेकर आनेवाले लोगों से मुलाकात करती थीं।

द्रौपदी मुर्मू झारखंड के राज्यपाल के रूप में हमेशा आदिवासियों, बालिकाओं के हितों को लेकर सजग और तत्पर रहीं। आदिवासियों के हितों से जुड़े मुद्दों पर कई बार उन्होंने संज्ञान लेते हुए संबंधित पदाधिकारियों को निर्देश दिए। झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बननेवाली द्रौपदी मुर्मू का छह साल एक माह अठारह दिनों का कार्यकाल विवादों से भी परे रहा। विश्वविद्यालयों की चांसलर के रूप में द्रौपदी मुर्मू ने अपने कार्यकाल के दौरान चांसलर पोर्टल पर सभी विश्वविद्यालयों के कॉलेजों के लिए एक साथ ऑनलाइन नामांकन शुरू कराया।

द्रौपदी मुर्मू ने अपने जीवन में लंबे समय तक शिक्षक के रूप में काम किया. जिस प्रकास से सर्वपल्ली राधाकृष्णन शिक्षा के क्षेत्र में लगातार सक्रिय रहे थे, वैसे ही द्रौपदी मुर्मू ने भी एक अहम भूमिका निभाई है. आदिवासी समाज से ताल्लुक रखने वालीं द्रौपदी मुर्मू छह साल एक महीने तक झारखंड की राज्यपाल रही हैं. मुर्मू ओडिशा के रायरंगपुर की रहने वाली हैं. मुर्मू का कल ही जन्मदिन था. वो 64 साल की हैं.द्रौपदी मुर्मू की बात करें तो वे देश की पहली आदिवासी राज्यपाल बनाई गई थीं. वे साल 2015 से 2021 तक झारखंड की राज्यपाल रहीं. राज्यपाल का पद संभालने से पहले द्रौपदी मुर्मू बीजेपी की S.T. मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रह चुकी थीं.

HPBL Desk
HPBL Desk  

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति की हो, खेलकूद की हो, अपराध की हो, मनोरंजन की या फिर रोजगार की, उसे LIVE खबर की तर्ज पर हम आप तक पहुंचाते हैं।

Related Articles

Next Story