721 कर्मियों की सेवा समाप्त करने के राज्य सरकार के आदेश पर हाई कोर्ट ने लगाई रोक
रांची : झारखंड हाई कोर्ट ने सैप (Special Auxiliary Police) 1 एवं 2 के 721 कर्मियों को हटाए जाने के राज्य सरकार के 27 अगस्त 2023 के आदेश पर रोक लगा दी है. राज्य सरकार ने सैप बटालियन में संविदा पर बहाल पूर्व सैनिकों की सेवा 31 अगस्त से समाप्त करने का निर्णय लिया था. हाई कोर्ट के न्यायमूर्ति डॉ एसएन पाठक की कोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है. कोर्ट ने मामले की सुनवाई 5 अक्टूबर निर्धारित की है.
दरअसल, चमरा भेंगरा सहित 721 पूर्व सैनिक जो सैप 1 एवं 2 में वर्ष 2008 के बाद से कार्य कर रहे थे, उनकी सेवा राज्य सरकार ने 31 अगस्त 2023 से समाप्त करने का निर्णय लिया था. सरकार के इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी थी गई थी.
मामले की सुनवाई के दौरान प्रार्थी की ओर वरीय अधिवक्ता अजीत कुमार, अधिवक्ता अपराजिता भारद्वाज एवं तान्या सिंह ने कोर्ट को बताया कि सरकार ने उनकी सेवा 31 अगस्त 2023 से समाप्त कर दी है जबकि इनकी उम्र सीमा सेवानिवृत्ति के निर्धारित 60 वर्ष से भी कम है. कुछ कर्मियों की उम्र 45 वर्ष भी है लेकिन इन्हें हटा दिया गया.
प्रार्थी का कहना है ईस्टर्न कोल फील्ड लिमिटेड (ईसीएल) ने राज्य सरकार से 1900 से अधिक सैप कर्मियों की सेवा मांगी है. वहीं सीसीएल द्वारा भी सुरक्षा लेकर सैप कर्मियों की सेवा मांगी है. उग्रवाद को प्रभावित क्षेत्र में सैप कर्मियों द्वारा बेहतर सेवा दी है. प्रार्थी की उम्र सीमा सेवानिवृत्ति की निर्धारित सीमा 60 वर्ष से कम होने के बाद भी उन्हें हटाना न्याय उचित नहीं है.