हाईकोर्ट: विरोधाभाषी गवाही पर नही दी जा सकती किसी को सजा…हाईकोर्ट ने टिप्पणी के साथ पलट दी निचली अदालत की सजा

High Court: No one can be punished on contradictory testimony...High Court overturned the lower court's sentence with a comment

Jharkhand Highcourt News: रेप और हत्या मामले में हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है। हाईकोर्ट ने गवाहों के अलग-अलग बयान को देखते हुए दो दोषी का बरी करने का आदेश दिया है। हाईकोर्ट ने इस मामले में निचली अदालत के दिये बयान को भी पलट दिया है। दरअसल गवाह के बयानों में विरोधाभास को देखते हुए झारखंड हाईकोर्ट ने सजा को रद्द कर दिया है।

 

 

बता दें कि चतरा जिले के वशिष्ठ नगर थाना में मिथिलेश कुमार सिंह और सुनील चौबे के खिलाफ एक महिला के दुष्कर्म और उसकी हत्या के आरोप का मामला दर्ज किया गया था. दो वर्षों तक चले ट्रायल के बाद चतरा सिविल कोर्ट ने दोनों को दोषी करार दिया था, जिसे हाईकोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया है।

 

 

हाईकोर्ट ने मिथिलेश कुमार सिंह और सुनील चौबे को बरी कर दिया गया है। बता दें कि शुक्रवार को हाईकोर्ट रेप और हत्या के एक कथित मामले में दोषसिद्ध के एक ही निर्णय से उत्पन्न दो आपराधिक अपीलों पर सुनवाई कर रहा था। हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आनंद सेन और जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की पीठ ने इस मामले की सुनवाई की।

 

 

जानकारी के मुताबिक सची के खिलाफ दोनों पक्ष ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। खंडपीठ ने अपने फैसले में कहा कि ऐसे मामले जहां अकेले गवाह की गवाही होती है, तो यह पूरी तरह से विश्वसनीय होता है।

 

 

इसके आधार पर सजा का फैसला सुनाया जा सकता है, लेकिन इस मामले में तथ्यों के आधार पर निष्कर्ष निकलता है कि विरोधाभाषी बयानों के आधापर सजा नहीं दी जा सकती है। आपको बता दें कि इससे पहले रेप और हत्या के मामले में चतरा की सिविल कोर्ट ने दोनों दोषियों को आजीवन कारावास की सजा सुनायी थी।

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