छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में बुधवार को हुए नक्सली हमले के बाद झारखंड और ओडिशा के सीमावर्ती क्षेत्रों में भी सतर्कता बढ़ा दी गई है।  ओडिशा में छत्तीसगढ़ की सीमा से सटे दक्षिण मलकानगिरी, कोरापुट, नबरंगपुर, बरगढ़ और नुआपाड़ा जिलों में हाई अलर्ट जारी करते हुए इन जिलों की सीमाओं को सील कर दिया गया है। वहीं झारखंड में सीमावर्ती गुमला, सिमडेगा, गढ़वा, पलामू और लातेहार जिलों में सतर्कता बढ़ा दी गई है।

माना जा रहा है कि छत्तीसगढ़ से नक्सली भागकर ओडिशा व झारखंड के इन इलाकों में प्रवेश करने की कोशिश कर सकते हैं। नक्सली इन जिलों में प्रवेश नहीं कर सकें, इसके लिए सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। साथ ही सर्च ऑपरेशन भी तेज कर दिया गया है।

झारखंड में नक्सल विरोधी अभियान के लिए भी सतर्कता संबंधित आवश्यक दिशानिर्देश जारी किए गए हैं। अभियान पर जाने वाले जवानों को आने-जाने के दौरान रूट बदल-बदलकर आने-जाने के लिए कहा गया है।

खुफिया एजेंसियों को भी सक्रिय किया गया है। छत्तीसगढ़ से लगी झारखंड की सीमा पर स्थित सुरक्षा कैंप, थाना, ओपी व चेक पोस्ट को यह निर्देश दिया गया है कि वहां चल रहे नक्सल विरोधी अभियान के चलते नक्सली सीमा पार कर राज्य में प्रवेश की कोशिश कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में उनपर नजर रखें। किसी भी हाल में उन्हें झारखंड में प्रवेश करने नहीं देना है।

ओडिशा के नबरंगपुर में ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर गुरुवार को माओवादियों के एक दस्ते से सुरक्षा बल की मुठभेड़ हुई। इसमें पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली जंगल की ओर भाग गए। पुलिस ने मौके से कई हथियार, कारतूस व नक्सलियों के अन्य सामान बरामद किए हैं।

ओडिशा के एलीट स्पेशल आपरेशन ग्रुप (एसओजी) की दो इकाइयों ने इलाके में कुछ माओवादियों की उपस्थिति के बारे में जानकारी मिलने के बाद ओडिशा-छत्तीसगढ़ सीमा पर जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया था।

मौके से भागने की कोशिश में माओवादियों ने एसओजी के जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बल के जवानों ने जवाबी कार्रवाई की। इस दौरान लगभग 30 मिनट तक दोनों तरफ से गोलीबारी जारी रही। हालांकि, माओवादी अपने हथियार व अन्य सामान छोड़कर घने जंगल में भाग गए।

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