नयी दिल्ली। …तो क्या अब हेमंत सोरेन भी चुनाव प्रचार कर पायेंगे? क्या सुप्रीम कोर्ट हेमंत सोरेन को भी जमानत देगा?  क्या झारखंड में चुनावी सरगर्मियां बदल जायेगी? सुप्रीम कोर्ट ने जब मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को जमानत दी है, तभी से ये सवाल भी उठने लगा है कि क्या हेमंत सोरेन को भी अब जमानत मिल जायेगी? JMM सूत्रों के मुताबिक हेमंत सोरेन को जेल से बाहर निकालने के लिए कानूनी सलाहकारों की और भी मदद ली जा रही है।

दरअसल JMM की उम्मीद इसलिए ज्यादा बढ़ी है, क्योंकि अरविंद केजरीवाल की जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट ने जो आधार बनाया है, वो सभी आधार हेमंत सोरेन पर भी सटीक बैठ रहा है। झारखंड में भी चुनाव है…पार्टी प्रमुख के नाते चुनाव के वक्त जेल में हेमंत के रहने पर चुनाव प्रभावित होगा। लिहाजा इन्ही बिंदुओ को आधार बनाकर अब हेमंत सोरेन को भी जमानत दिलाने की कोशिश चल रही है।

2 जून को करना होगा सरेंडर

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत (Interim bail) मिल गई है। केजरीवाल को 1 जून तक की मोहलत दी गई है, जिसके बाद उन्हें 2 जून को दोबारा सरेंडर करना होगा। सीएम केजरीवाल के मामले में आए सर्वोच्च अदालत के फैसले के बाद अब झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को भी सुप्रीम कोर्ट से जमानत मिलने के आसार बढ़ गये हैं।

हेमंत के लिए चुनाव प्रचार को ग्राउंड

दरअसल, हेमंत सोरेन ने भी सुप्रीम कोर्ट में जमानत की मांग करते हुए याचिका दाखिल की है। उनके वकील कपिल सिब्बल ने याचिका दाखिल करते हुए कहा है कि उन्हें लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा के उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार करना है। अदालत ने सोरेन की इस याचिका पर सोमवार (13 मई) को सुनवाई करने की बात कही है। यानी अब सोमवार को ही तय होगा कि अरविंद केजरीवाल की तरह क्या हेमंत सोरेन भी जेल से बाहर आएंगे या फिर उन्हें अभी कुछ समय तक और जेल में रहना होगा।

हाईकोर्ट से खारिज हो चुकी है याचिका

हेमंत सोरेन ने हाई कोर्ट में अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देते हुए याचिका दाखिल की थी, लेकिन इस याचिका को हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है। सोरेन की दलील थी कि उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का कोई मामला नहीं बनता है और वो बेगुनाह हैं। हाई कोर्ट ने उनकी सभी दलीलों को खारिज कर दिया था। हालांकि, उन्हें अपने चाचा के अंतिम संस्कार में पॉलिसी कस्टडी के साथ शामिल होने की इजाजत दी गई थी।सोरेन की याचिका पर हाई कोर्ट में भी सुनवाई हुई थी. सुनवाई के बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था, लेकिन सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट का रुख कर लिया था. उनके वकील कपिल सिब्बल का कहना था कि आदेश को काफी पहले सुरक्षित रख लिया गया है, लेकिन फैसला अब तक नहीं सुनाया गया. हालांकि, 3 मई को हाई कोर्ट ने मामले में फैसला सुना दिया. इसके बाद सोरेन के वकील ने यह कहते हुए इस याचिका को वापस ले लिया था कि हाई कोर्ट ने आदेश पारित कर दिया है।

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