हेमंत सरकार ने अफसर को किया था बर्खास्त, हाईकोर्ट ने कहा, आदेश बिल्कुल गलत, बहाल करें, जानियें तीन साल बाद…

Hemant government had dismissed the officer, High Court said, the order is absolutely wrong, reinstate him, know after three years...

रांची। राज्य सरकार ने जिस अफसर को बर्खास्त किया था। कोर्ट ने उस आदेश को ही गलत करार दिया है। राज्य सरकार के तीन साल पुराने फैसले को पलटते हुए कोर्ट ने अनिवार्य सेवानिवृति के आदेश को निरस्त कर दिया है। दरअसल साल 2021 में राज्य सरकार ने रेंजर अनिल कुमार सिंह को जबरन रिटायरमेंट दे दिया था। इसके खिलाफ रेंजर कोर्ट गये थे। सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि सरकार का आदेश बिल्कुल गलत है। उन पर झूठा आरोप लगाकर उक्त आदेश जारी किया गया है, जिसे निरस्त किया जाए।

 

रांची झारखंड हाइकोर्ट के जस्टिस आनंद सेन की अदालत ने वन क्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) को अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने के आदेश को चुनाैती देनेवाली याचिका पर सुनवाई की। इस दौरान अदालत ने प्रार्थी व राज्य सरकार का पक्ष सुना। मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद अदालत ने याचिका को स्वीकार कर लिया। अदालत ने सात जुलाई 2021 के अनिवार्य सेवानिवृत्ति देने संबंधी राज्य सरकार के आदेश को गलत बताते हुए उसे निरस्त कर दिया।

 

साथ ही प्रार्थी के वेतन भुगतान के मामले में राज्य सरकार को विधिसम्मत निर्णय लेने को कहा। इससे पूर्व प्रार्थी अनिल कुमार सिंह ने मामले में स्वयं पैरवी की। उन्होंने अदालत को बताया कि राज्य सरकार ने उन पर कई आरोप लगा कर सात जुलाई 2021 को अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी थी।

 

आरोप लगाया गया कि नौकरी में रहते हुए राज्य सरकार के खिलाफ केस किया, एनजीटी में केस किया. इनका जो व्यवहार है, वह सरकारी सेवा में रहने लायक नहीं है. राज्य सरकार ने जो आरोप लगाया है, वह सही नहीं है। जब से उन्हें सेवा से हटाया गया है, उस समय से वेतन भुगतान के लिए राज्य सरकार को निर्देश देने का आग्रह किया। उल्लेखनीय है कि प्रार्थी रेंजर अनिल कुमार सिंह ने रिट याचिका दायर कर राज्य सरकार के सात जुलाई 2021 के अनिवार्य सेवानिवृत्ति के आदेश को चुनौती दी थी। उन्होंने राज्य सरकार के आरोपों को गलत बताया था।

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