रांची। हेमंत कैबिनेट की अहम बैठक आज होगी। आज शाम मंत्रालय में होने वाली इस बैठक में कई अहम फैसले की उम्मीद है। आज की कैबिनेट में हेमंत सरकार महंगाई भत्ता की बढ़ोत्तरी पर मुहर लगा सकती है। वहीं नियुक्ति नियावली में संशोधन पर भी आज की बैठक में हरी झंडी लगेगी।

महंगाई भत्ता पर लग सकती है मुहर


कर्मचारियों की नजर आज की हेमंत कैबिनेट पर टिकी हुई है। 24 मार्च को ही मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों की महंगाई भत्ता में 4 फीसदी की बढ़ोत्तरी की थी। केंद्र के बाद राजस्थान ने भी राज्यकर्मियों के लिए महंगाई भत्ता में 4 फीसदी की बढ़ोत्तरी का ऐलान किया है। अब राजस्थान के शासकीय कर्मचारी महंगाई भत्ता में केंद्र के बराबर आ गये हैं। उसे देखते हुए ये उम्मीद है कि झारखंड की हेमंत सरकार भी राज्यकर्मियों के महंगाई भत्ता में बढ़ोत्तरी कर सकती है।

नयी नियोजन नीति


नई नियोजन नीति आने के बाद से नियुक्ति प्रक्रिया शुरू होने की उम्मीद जगी है। जेएसएससी और जेपीएससी द्वारा कई नियुक्तियां लंबित है। राज्य से मैट्रिक और इंटर की परीक्षा पास की अनिवार्यता सहित अन्य शर्तों को जोड़कर पूर्व में कार्मिक, वित्त एवं विधि विभाग ने लगभग 90 -100 नियुक्ति नियमावलियों को संशोधित करने की अनुशंसा हुई थी जिसमें लगभग 70 नियमावलियों पर कैबिनेट की मुहर भी लग चुका है। वहीं लगभग 20-30 नियमावलियों के संशोधन पर कैबिनेट की मुहर नहीं लगा है। जिन 70 नियुक्ति नियमावलियां संशोधित हो चुकी हैं, उन्हें फिर से संशोधित करने की बाध्यता सरकार के सामने आ है। क्योंकि, संशोधन के बगैर जेएसएससी द्वारा नियुक्ति की प्रक्रिया को शुरू ही नहीं की जा सकती। कहा जा रहा है कि एक दर्जन से अधिक नियुक्ति नियमावलियों के संशोधन पर सोमवार को होने वाली कैबिनेट में मुहर लग सकता है। तब 13 हजार से ज्यादा पदों पर होने वाली नियुक्तियां रद्द हो गई थी। उम्मीद है कि कैबिनेट की मीटिंग में नियुक्तियों को लेकर कोई अहम फैसला हो ।

मौसम से नुकसान की भारपाई

ओलावृष्टि से त्रस्त किसानों को राहत की उम्मीद गौरतलब है कि झारखंड में 15 मार्च से बदले मौसम के दौरान आंधी और ओलावृष्टि की वजह से रबी फसलों को नुकसान पहुंचा है। सब्जियों की खेती भी प्रभावित हुई है। झारखंड में पहले से ही सुखाड़ का दंश झेल रहे किसानों के लिए कैबिनेट की मीटिंग में कोई अहम ऐलान किया जा सकता है। पिछले दिनों कृषि मंत्रालय ने सभी जिलों में उपायुक्तों को ओलावृष्टि की वजह से रबी फसलों को हुए नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया था।

पेयजल एवं जल संरक्षण की नई योजनाएं


इसमें गर्मी के मौसम के आगमन को देखते हुए पेयजल एवं जल संरक्षण को लेकर विधायकों द्वारा कई सवाल पूछे गए थे। वैसे जिलों में जहां भूजल स्तर काफी नीचे है, वहां के लिए वैकल्पिक व्यवस्था का ऐलान किया जा सकता है।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...