रांची। ED की कार्रवाई को चुनौती देने वाली मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर आज सुनवाई होगी। .याचिका सूचीबद्द हो गयी है। आज दोपहर बाद इस पर सुनवाई हो सकती है। 23 सितंबर को मुख्यमंत्री की ओर से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी, जिसके बाद याचिका में कुछ डिफेक्ट पाए गए थे। अब याचिका 6 अक्टूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध हो गयी। इधर सुनवाई से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने ED से लेकर अन्य मुद्दों पर खुलकर बातें की। हेमंत सोरेन ने कहा, हम किसी के बढ़ाने से यहां तक नहीं आये हैं ना किसी के दबाने से हम दबने वाले हैं।

हेमंत सोरेन ने कहा कि वो आदिवासी हैं, इसलिए उन्हें परेशान किया जा रहा है। मुझ पर आरोप लगाता है बेनामी संपत्ति का राज्य में आदिवासी ना जमीन खरीद सकते हैं ना बेच सकते हैं। उन्होंने कहा कि एजेंसियों का सहयोग राजनीतिक हित के लिए हो रहा है। आप देख रहे हैं। देश और दुनिया के सामने हैं इस पर चर्चा हो रही है। हम सिर्फ संजय सिंह की बात क्यों करें। बहुत सारे लोग हैं कई तरह की चर्चा है। कई लोग कतार में हैं हमारे विषय में भी बात होती है।

बेनामी संपत्ति … आप सभी को पता है कि मैं किस समूह से आता हूं। मैं आदिवासी समाज से हूं मुझ पर बेनामी संपत्ति का आरोप लगता है। जिस संपत्ति की ना खरीद होती ना बिक्री होती है, ना बैंक मदद करता हैं तो आदमी उस संपत्ति का करेगा क्या। विपक्ष के लोग कई संस्था के प्रवक्ता भी बने पड़े हैं।
हेमंत सोरेन ने कहा कि अपनी बौद्धिक क्षमता का उपयोग इसमें कर रहे हैं कि कैसे कमजोर वर्ग को आने से रोका जाए। यह प्रयास हर बार जारी है। लोकतंत्र में पांच साल में एक बार हर एक जनता को ताकत का अहसास कराने का वक्त मिलता है। ये वक्त जल्द आने वाला है। विशेषकर आदिवासी दलित पिछड़े लोगों को बाबा भीम राव अंबेडकर ने भी अंकित किया है कि इन वर्गों को अपने पैरों पर खड़ा होना चाहिए।

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