Palash ke phool ke fayde: इन दिनों आपको रोड साइड रास्तों पर या पार्क में पलाश के फूल देखने को मिल जाएंगे। पर असल में ये लाल रंग के फूल सेहत के लिए कई प्रकार से फायदेमंद है। पलाश को “फ्लेम ट्री” के रूप में भी जाना जाता है और इसके पत्ते, फूल, बीज, गोंद और छाल सहित इसके कई हिस्सों का उपयोग दवा बनाने के लिए किया जाता है।
पलाश के पेड़ में कृमिनाशक [एंटी हेल्मेनटिक] प्रभाव होता है, यही कारण है कि पेट से कीड़े को खत्म करने के लिए इसका व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है। लोग इसके कसैले और रोगाणुरोधी गुणों के कारण दस्त को ठीक करने के लिए इसका उपयोग करते हैं। पलाश के औषधीय उपयोग यकृत रोगों के प्रबंधन के लिए भी किया जाता है क्योंकि इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं।
आयुर्वेद में इसका इस्तेमाल व्यापक तौर पर होता है और ये फूल कई समस्याओं में कमी ला सकते हैं। इस फूलों की खास बात ये है कि इनमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेटरी और हीलिंग गुण होते हैं जो कि कई सेहत से जुड़ी समस्याओं में कारगर तरीके से काम करते हैं। तो, आइए जानते हैं किन बीमारियों में आप पलाश के फूलों का इस्तेमाल (palash ke phool ke fayde for health) कर सकते हैं।

पलाश के फूलों के फायदे-Palash ke phool ke fayde
एंटीवर्म है पलाश के फूल
जिन लोगों के पेट में कीड़े होते हैं उनके लिए पलाश के फूल कारगर तरीके से काम करते हैं। ये एंटीवर्म हैं जो कि पेट के कीड़ों को मारते हैं और पाचन क्रिया को बेहतर बनाने में मदद करते हैं। इसके लिए आप इन फूलों का पाउड बनाकर इसे पानी में मिलाकर पी सकते हैं।

यूटीआई इंफेक्शन में फायदेमंद
यूटीआई इंफेक्शन में पलाश के फूलों का इस्तेमाल बेहद कारगर है। ये एंटीबैक्टीरियल है जो कि यूटरेस में जमा बैक्टीरिया को फ्लश ऑउट करता है और फिर यूटीआई में कमी लाता है। साथ ही ये डायूरेटिक की तरह भी है जो कि ब्लैडर में जमा बैक्टीरिया को पानी के साथ फ्लश ऑउट करता है।

ब्लोटिंग में फायदेमंद
ब्लोटिंग यानी जब पेट फूल जाता है ऐसी स्थिति में पलाश के फूलों का इस्तेमाल कई प्रकार से कारगर है। इसमें एसट्रिनजेंट गुण मौजूद होते हैं जो कि पेचिश और दस्त जैसी समस्याओं से निजात दिलाने में मददगार हैं। तो, इन तमाम कारणों से आपको पलाश के फूलों का इस्तेमाल करना चाहिए। तो, अगर आपने कभी ट्राई नहीं किया है तो इन फूलों का इतेमाल एक बार जरूर करें।

लीवर के रोगों में सहायक
चूंकि वे ऐलेनिन फॉस्फेट और क्षारीय ट्रांसएमिनेस के स्तर को कम करते हैं, इसलिए पलाश के पेड़ के फूलों का लीवर-सुरक्षात्मक प्रभाव हो सकता है। लीवर को दो फ्लेवोनोइड्स से लाभ हो सकता है, जो ब्यूट्रिन और आइसोब्यूट्रिन हैं। विषाक्तता से बचाव की दृष्टि से ये पलाश के वृक्ष में होते हैं।
लीवर की बीमारी को ठीक करने के लिए कोई भी हर्बल दवा लेने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना बेहतर होगा।

त्वचा संबंधी समस्याओं के इलाज में मदद मिल सकती है
पलाश के पत्तों और फूलों के कसैले [एस्ट्रिनजेन्ट] गुण के कारण यह त्वचा की कोशिकाओं के अंतर्विरोध का कारण बनता है। इसलिए, यह पिंपल्स और फोड़े-फुंसियों को दूर रखने में मदद करता है। पलाश के फूल का यूरिन के स्तर को बढ़ाने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि इसमें मूत्रवर्धक गुण होते हैं।

मधुमेह में लाभदायक
पलाश के फूलों में एंटी-डायबिटिक गुण होते हैं। इन फूलों में पाए जाने वाले रसायन रक्त शोधन और बढ़े हुए रक्त शर्करा पर नियंत्रण रखने में मदद करते हैं। यह मधुमेह के कारण शरीर के अन्य अंगों में होने वाले नुकसान को कम करने में भी सहायक है।

यौन स्वास्थ्य में सुधार करता है
पलाश के फूल यौन स्वास्थ्य को बढ़ाने की क्षमता रखते हैं। सूखे पलाश के फूल एक शक्तिशाली कामोत्तेजक है। इसे नियमित रूप से दूध के साथ लेने से पुरुषों में यौन शक्ति और सहनशीलता बढ़ जाती है।

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