धनबाद/ पूर्वी सिंहभूम । राज्य भर के स्वास्थ्य कर्मी पूरी तरह से स्वास्थ्य व्यवस्था ठप्प करा चुके हैं। 16 जनवरी से होने वाले आंदोलन ने सरकार की नींद उड़ा दी है।स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ माने जाने वाल एनएचएम कर्मी के साथ-साथ सहिया भी आंदोलन का रास्ता अख्तियार कर लिया है। पहले से ही अनुबंध कर्मी का मार झेल रही विभाग अब 42000 सहिया के आंदोलन से पूरी तरह से असहज महसूस कर रही है।

स्वास्थ्य व्यवस्था चौपाट होने का नजारा अस्पताल के हर विभागों पर पड़ने लगा है। ऑपरेशन, जांच, ओपीडी, डिलीवरी सारे विभागों में वीरान सा दिखाई पड़ने लगा है। परंतु सरकार अपनी जिद पर अड़ी है और कर्मचारी भी अपनी मांगों को मनवाने के लिए आंदोलनरत है।ऐसा प्रतीत हो रहा की कुछ दिन पहले तक अपनी पीठ थपथपा रही हेमंत सरकार कि जुमलेबाजी में कर्मचारी आने वाले नहीं। 15 सालों से भी ज्यादा समय से काम कर रहे इन कर्मचारियों ने स्वास्थ्य विभाग को एक नई गति दी। वर्तमान परिपेक्ष्य में पूरा राज्य सरकार विरोधी नारों से गूंज रहा है। ना तो विभाग के मंत्री, न ही विभाग के पदाधिकारी इनकी सुध ले रहे हैं और इनकी मांगों पर कोई सकारात्मक पहल कर रहे हैं ।

धनबाद

जिले भर में सहिया आंदोलन से हर अस्पताल में विरानी छाई रही। सरकार विरोधी नारों के साथ सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में सहिया आंदोलन करती रहीं। मरीजों के घर घर जाकर स्वास्थ्य व्यवस्था पहुंचाने वाली सहिया सरकार विरोधी नारेबाजी करती रही। आंदोलन के क्रम में मुख्यमंत्री का पुतला दहन भी किया।

पूर्वी सिंहभूम

आंदोलन में जिले भर की सहिया एकजुट दिखी। मुख्य चौराहे पर मुख्यमंत्री का पुतला दहन किया। सभी प्रखंड मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन किया गया। आंदोलन कर्मी ने एकजुट होकर कहा की जब तक हमारी मांगे पूरा नहीं होती तब तक हमारा आंदोलन जारी रहेगा।

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