नर्स से सिपाही का लव, सेक्स व धोखा: प्यार में फंसाकर बनाया शारीरिक संबंध, नर्स ने शादी का बनाया दवाब, तो कर दी हत्या, कांस्टेबल गिरफ्तार

कानपुर । नर्स से लव, सेक्स और धोखा मामले में हवलदार को गिरफ्तार किया गया है। हेड कांस्टेबल ने पहले तो एक नर्स को प्रेम जाल में फंसाया, फिर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाया। नर्स ने जब शादी के लिए हेड कांस्टेबल पर दवाब बनाया, तो जवान ने अपने साथी के साथ उसको बहाने से एटा ले जाकर बेरहमी से हत्या कर दी।

नर्स की मां और भाई पिछले ढाई महीने से इंसाफ के लिए चक्कर लगा रहे थे। नर्स के परिजन आरोप लगाकर हेड कांस्टेबल के खिलाफ पुलिस को सूचना दे रहे थे। मगर, पुलिस उनको बार-बार यह धमकी देकर थाने से भगा देती थी कि ज्यादा करोगे, तो तुम्हारे खिलाफ एफआईआर लिख देंगे। इस बीच एटा में जब नर्स की लाश बरामद हो गई, तो यहां की पुलिस भी सोते से जागी।

नर्स की गुमशुदगी के मामले की जांच शुरू हुई, तो हेड कांस्टेबल और उसका साथी नर्स की हत्या के आरोप में आज गिरफ्तार हो गया। कानपुर में बड़ा इलाके की रहने वाली शालू तिवारी शहर के एक बड़े नर्सिंग होम में नर्स का काम करती थी। करीब 3 साल पहले बर्रा थाने में तैनात हेड कांस्टेबल मनोज कुमार से उसका परिचय हो गया। इसके बाद मनोज कुमार नर्स से मिलने लगा।

शालू अपने घर से अलग एक कमरा लेकर किराए पर रहती थी। मनोज कुमार उसके कमरे पर जाने लगा और फिर दोनों के बीच संबंध हो गए। शालू की मां का आरोप है कि मनोज कुमार ने मेरी बेटी को बताया था कि मैंने शादी नहीं की है. नर्स की मां संगीता का आरोप है कि मनोज ने मेरी बेटी से शादी का वादा किया था।

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मगर, जब बेटी ने शादी का उस पर दबाव बनाना शुरू किया, तो उसने बताया कि मेरी शादी पहले हो चुकी है. मैं एटा के जलेसर का रहने वाला हूं. मेरे दो बच्चे भी हैं। इससे शालू नाराज हो गई, तो मनोज को लगा कहीं यह मेरे खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं कर दे। इसलिए 8 फरवरी को वह शालू को अयोध्या घुमाने के बहाने से ले गया।

मनोज का साथी राहुल, जो गाड़ी चला लेता था, उसके साथ शालू को लेकर अयोध्या की जगह वह अपने गांव एटा चला गया। वहां हेड कांस्टेबल मनोज ने अपने साथी के साथ मिलकर शालू की हत्या कर दी। उसके बाद उसकी बॉडी को एक सूखे कुएं में फेंक दिया।

शालू की हत्या करने के बाद दोनों चुपचाप फिर कानपुर आ गए. मनोज का इस दौरान कानपुर पुलिस लाइन में ट्रांसफर हो चुका था. इसलिए उसने पुलिस लाइन में जाकर अपनी ड्यूटी ज्वाइन कर ली. इधर, क्योंकि शालू अलग रहती थी, वह कभी-कभी अपने हॉस्पिटल में ही रुक जाती थी. मगर, घर वालों से उसकी बात होती रहती थी.

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