चंडीगढ़

पंजाब से एक बड़ी खबर आ रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने अपने ही स्वास्थ्य मंत्री को बर्खास्त कर दिया है। स्वास्थ्य मंत्री विजय सिंगला पर कांट्रेक्ट में 1 प्रतिशत कमीशन मांगने का गंभीर आरोप लगा था। इस मामले में शिकायत मुख्यमंत्री भगवंत मान के पास पहुंची थी, इस मामले में जांच के बाद बाद स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ सबूत मिले, जिसके बाद मुख्यमंत्री ने कैबिनेट से उन्हें बर्खास्त करने का आदेश दिया। इस मामले में बर्खास्त मंत्री के खिलाफ FIR के भी निर्देश दिये गये हैं। विजय सिंगला सिर्फ सवा दो महीने ही मंत्री की कुर्सी पर रह सके। उन्होंन 19 मार्च को स्वास्थ्य मंत्री पद की शपथ ली थी। सिंगला पेशे से डेंटल सर्जन हैं, उन्होंने चुनावी हलफनामे में 6 करोड़ की संपत्ति की जानकारी दी थी। 52 साल के विजय सिंगला मानसा सीट पर सिंगर सिद्धू मूसेवाला को हराकर चुनाव जीते थे।
जानकारी के मुताबिक विजय सिंगला पर अधिकारियों से ठेके पर एक फीसदी कमीशन की मांग करने और भ्रष्टाचार में लिप्त होने की शिकायत मिली थी। विजय सिंगला के भ्रष्टाचार में लिप्त होने को लेकर मुख्यमंत्री ने सबूत इक्ट्ठा किये और फिर इस मामले में मंत्रिमंडल से बाहर का रास्ता दिखाया। मुख्यमंत्री ने कहा किसी भी कीमत पर उनकी सरकार में भ्रष्टाचार को स्वीकार नहीं किया जायेगा। 1 प्रतिशत भी भ्रष्टाचार की शिकायत पर कड़ा एक्शन होगा।
उन्होंने कहा कि जनता ने बहुत उम्मीद से आम आदमी पार्टी की सरकार बनायी है। उस उम्मीद पर खरा उतरना हमारा कर्त्वय है। सीएम मान ने कहा कि जब तक अरविंद केजरीवाल जैसे भारत माता के बेटे हैं और भरतमान जैसे सिपाही है भ्रष्टाचार के खिलाफ महायुद्ध जारी रहेगा। पंजाब में पहली बार ऐसा हुआ जब अपने ही मंत्री को मुख्यमंत्री ने भ्रष्टाचार के मामले में बर्खास्त किया है। गौरतलब है कि पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान आम आदमी पार्टी ने भ्रष्टाचार को लेकर सत्ताधारी कांग्रेस पर जमकर निशाना साधा था। उस दौरान आप पार्टी ने भ्रष्टाचार को प्रदेश से उखाड़ फेंकने का आह्वान किया था। जानकारी ये भी आ रही है कि विजय सिंगला और अब पार्टी से भी हटाने की तैयारी है। मंत्री के खिलाफ एफआईआर के बाद अब उन्हें गिरफ्तार करने की भी तैयारी है।
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि जिस मामले में स्वास्थ्य मंत्री के खिलाफ कार्रवाई हुई है, उसकी जानकारी सिर्फ उन्हें थी। ना तो विरोधी पार्टियों और ना ही मीडिया को इसकी खबर थी। अगर मैं चाहता तो इस मामले को दबा सकता था, लेकिन लोगों का विश्वास टूट जाता, मैं उस मंत्री के खिलाफ सख्त एक्शन ले रहा हू और उसे मंत्रिमंडल के बर्खास्त कर दिया गाय है। पुलिस को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के भी निर्देश दिये गये हैं।

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