चाईबासा। दारोगा को धमकी देने के मामले में स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता को एमपी-एमएलए कोर्ट ने बरी कर दिया है। साल 2013 के मामले में कोर्ट ने बन्ना गुप्ता को साक्ष्य के अभाव में बरी कर दिया। मंत्री बन्ना गुप्ता के खिलाफ 18 मार्च 2013 को कदमा थाना में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।

शिकायत में बताया गया था कि एक मामले को लेकर मंत्री ने फोन पर एक दरोगा को धमकी देते हुए कहा था कि मना करने के बाद भी केस डायरी भेज दिया। हम तुमको बर्बाद कर देंगे। इसी मामले को लेकर शनिवार को एमएलए एमपी कोर्ट में ऋषि कुमार की अदालत में सुनवाई हुई। इस मामले में साक्ष्य के अभाव में मंत्री बन्ना गुप्ता को बरी कर दिया गया।

एमएलए – एमपी स्पेशल कोर्ट चाईबासा के न्यायाधीश ऋषि कुमार की अदालत ने साक्ष्य अभाव में बरी कर दिया। फैसला सुनने के बाद बन्ना गुप्ता रांची रवाना हो गये। कदमा थाना के सहायक अवर निरीक्षक दिलेश्वर सिंह के बयान पर धमकी देने का मामला दर्ज किया गया था।  उन्होंने जेल में बंद उनके एक कार्यकर्ता की केस डायरी न्यायालय में नहीं भेजने को कहा था।  इसके बावजूद उन्होंने भेज दिया था। आरोप था कि इसी को लेकर बन्ना गुप्ता ने धमकी दी थी।

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