धनबाद । जिले भर की महिला स्वाथ्य कर्मी इन दिनों नाराज चल रही है। वैसे तो स्वास्थ्य विभाग किसी न किसी कारण से सुर्खियां बटोरती रहती है।परंतु इस बार मामला कुछ अलग है।

जिले भर में मिशन इंद्रधनुष का कार्यक्रम चल रहा है। जिसमें लेफ्ट आउट और ड्रॉप आउट बच्चों को प्रतिरक्षित किया जा रहा है। इसके सुपरविजन के लिए केंद्रीय टीम भी जिले में भ्रमण कर रही है। परंतु मिशन इंद्रधनुष का कार्यक्रम अभी खत्म भी नहीं हुआ है की प्रखंडों में स्वास्थ्य मेला लगने की आदेश जारी हो चुका है। इस आदेश में स्वास्थ्य मेला लगाए जाने की तिथि 18 सितंबर को अधिकांश ब्लॉक में घोषित कर दिया गया है।

मालूम हो कि महिलाओं की पवित्र त्योहार तीज भी 18 सितंबर को मनाई जाने वाली है। जिसमें महिलाएं निर्जला व्रत रखकर अपने पति के लंबी जीवन और सुहागिन रहने की मन्नत मांगती है। यह बताना आवश्यक होगा कि स्वास्थ्य विभाग में महिला कर्मियों और महिला चिकित्सक की तादाद काफी अधिक है।संख्या इतनी अधिक है कि महिला कर्मियों के भरोसे ही स्वास्थ्य विभाग टीका हुआ है। ऐसे में स्वास्थ्य मेला में ड्यूटी लगाई जाने के कारण महिला कर्मियों और चिकित्सक में नाराजगी देखी जा रही है।

उन महिला कर्मी का यह भी कहना है कि मेले में भीड़भाड़ अधिक होती है,जिसके चलते हमें सबको समझाने से लेकर हर काम का बोझ बढ़ जाता है। ऐसे में हम महिलाकर्मी निर्जला व्रत रखकर कैसे त्योहार पूरा कर पाएंगे? महिला कर्मी का कहना है की अपने स्तर से हम सब ने अपने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से स्वास्थ्य मेले की तिथि बढ़ाए जाने की गुहार लगाई पर उन्होंने तिथि बढ़ाए जाने से इंकार कर दिया। ऐसे में सबकी निगाहें सिविल सर्जन पर टिकी है।

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