मथुरा। उत्तर प्रदेश के मथुरा में एक फर्जी आईपीएस पुलिस के हत्थे चढ़ गया। वो आईपीएस ऑफिसर बनकर लोगों पर धौंस जमाता था और ठगी की वारदात को अंजाम देता था। इस बीच पुलिस से जब उसका आमना-सामना हुआ तो मुठभेड़ हो गई. इस मुठभेड़ में उसके पैर में गोली लगी है। फर्जी आईपीएस बनकर ठगी करने वाले शख्स का नाम राधेश्याम उर्फ सुभाष कुंतल है. राधेश्याम पर कई मुकदमे दर्ज हैं।

वो शातिर किस्म का अपराधी है. पुलिस को सूचना मिली थी कि पिछले कुछ समय से एक शख्स आईपीएस बनकर लोगों को धमका रहा है। यह शख्स खुद को लखनऊ में तैनात पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) बताकर निचले स्तर के पुलिस अधिकारियों को ठगता था. इस शातिर अपराधी को पुलिस ने मुठभेड़ के बाद गिरफ्तार कर लिया. पुलिस ने बताया है कि इस शख्स के खिलाफ अपने ही तीन दोस्तों की हत्या करने का भी आरोप है. इतना ही नहीं राजस्थान, जम्मू-कश्मीर और उत्तर प्रदेश को मिलाकर उसके खिलाफ कुल 13 मामले दर्ज हैं।

राजस्थान निवासी राधेश्याम उर्फ सुभाष कुंतल खुद को लखनऊ में तैनात पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) बताकर निरीक्षक और उप निरीक्षक स्तर के पुलिस अधिकारियों को धमकाता था. बताया गया है कि आरोपियों की जानकारी मांगने और बाद में आरोपियों के परिजन से मामलों से नाम हटवाने के नाम पर पैसे ऐंठता था। मुठभेड़ में गोली लगने के कारण उसे अस्पताल में भर्ती किया गया है। उन्होंने बताया कि राधेश्याम ने थाना प्रभारी से तेल चोरी करने के अभियुक्त निशांत कार्णिक के बारे में जानकारी मांगी थी और अपना परिचय लखनऊ में तैनात पुलिस महानिरीक्षक (अपराध) के रूप में बताते हुए काम नहीं करने पर देख लेने की धमकी दी थी।

एसएसपी ने आगे बताया कि इसके बाद स्थानीय पुलिस और विशेष अभियान दल ने दो दिन उसके बारे में पूरी तहकीकात की। उन्होंने बताया कि पुलिस को उसके पास से आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी के 21 फर्जी विजिटिंग कार्ड, आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) अधिकारी का एक फर्जी विजिटिंग कार्ड, तमंचा, कारतूस और मोटरसाइकिल बरामद हुई है।

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