Govt scheme : 2 लाख लोगों को आत्मनिर्भर बना चुकी है ये सरकारी स्कीम! सिर्फ 5% ब्याज पर मिलता है लोन
Govt scheme : 2 लाख लोगों को आत्मनिर्भर बना चुकी है ये सरकारी स्कीम! सिर्फ 5% ब्याज पर मिलता है लोन
प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना (PM Vishwakarma Yojana) पीएम मोदी की महत्वाकांक्षी योजनाओं में से एक है. कारीगरों और शिल्पकारों को आत्मनिर्भर बनाने वाली ये स्कीम लोगों को खूब पसंद आ रही है. अब तक 2 लाख से ज्यादा लोगों को इस स्कीम का फायदा मिल चुका है. संसद में दी गई जानकारी के अनुसार, बैंकों ने 31 अक्टूबर तक प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत लोहार, राजमिस्त्री, कुम्हार, बढ़ई और दर्जी जैसे गरीब कारीगरों को 1,751 करोड़ रुपए का लोन स्वीकृत किया है.
पीएम विश्वकर्मा योजना में सरकार लोगों को बिना गारंटी के सस्ती ब्याज दर पर लोन उपलब्ध कराती है. साथ में 15000 रुपए की आर्थिक मदद भी की जाती है. इस योजना में 3 लाख रुपए तक का लोन दिया जाता है. ये लोन सिर्फ 5 प्रतिशत की ब्याज दर पर दिया जाता है. भारत सरकार 8 प्रतिशत ब्याज अनुदान प्रदान करती है, जिससे कुल ऋण लागत में कमी आती है. विश्वकर्मा योजना के तहत सरकार दो किस्तों में लोन देती है. पहले चरण में 1 लाख रुपए का लोन दिया जाता है और दूसरे चरण में 2 लाख कर लोन दिया जाता है. पहले चरण के लोन को 18 महीने और दूसरे चरण के लोन को 30 महीने में चुकाया जा सकता है.
किन लोगों को मिलता है फायदा
पीएम विश्वकर्मा योजना का मकसद पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को उद्यमी और आत्मनिर्भर बनने में मदद करना है. स्कीम के तहत 18 ट्रेड्स के कारीगर और शिल्पकार शामिल हैं जो अपने हाथों और औजारों से काम करते हैं. इनमें बढ़ई, नौका बनाने वाले, लोहार, हथौड़ा और औजार बनाने वाले, सुनार, कुम्हार, पत्थर की कारीगरी करने वाले, चर्मकार, राज मिस्त्री, दरी, झाड़ू एवं टोकरी बनाने वाले, धोबी, दर्जी, मछली पकड़ने का जाल बनाने वाले आदि शामिल हैं. इस देश के 26 राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों में पीएम विश्वकर्मा योजना के तहत कारीगरों और शिल्पकारों के पारंपरिक कौशल के अपग्रेडेशन और आधुनिकीकरण के लिए औपचारिक प्रशिक्षण शुरू किया गया है. पीएम विश्वकर्मा योजना का आवेदन ऑनलाइन आधिकारिक वेबसाइट pmvishwakarma.gov.in के माध्यम से किया जा सकता है.
संसद में सरकार ने क्या कहा
वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी ने राज्यसभा में एक लिखित उत्तर में कहा कि प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के तहत 2.02 लाख से अधिक खाते खोले गए हैं, जिनमें कुल स्वीकृत ऋण राशि 1,751.20 करोड़ रुपए है. इसके अलावा सरकार ने उधारकर्ताओं (विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में) के सामने आने वाली चुनौतियों को दूर करने और उनकी जरूरतों को पूरा करने के लिए ऋण के आसान प्रवाह को सुविधाजनक बनाने के लिए अलग-अलग उपाय किए हैं.
अब तक 2.58 करोड़ आवेदन जमा हुए
बता दें सरकार ने अपने हाथों और औजारों से काम करने वाले कारीगरों और शिल्पकारों को शुरू से अंत तक सहायता प्रदान करने के लिए 17 सितंबर, 2023 को प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना शुरू की थी. इन पारंपरिक कारीगरों और शिल्पकारों को ‘विश्वकर्मा’ कहा जाता है. वित्त वर्ष 2023-2024 से वित्त वर्ष 2027-28 तक इस योजना के लिए वित्तीय परिव्यय 13,000 करोड़ रुपए है. राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) द्वारा संकलित आंकड़ों के अनुसार, पीएम विश्वकर्मा योजना ने अब तक 2.58 करोड़ आवेदन जमा किए हैं, जिनमें से 23.75 लाख आवेदकों को तीन-चरणीय सत्यापन प्रक्रिया के बाद योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए सफलतापूर्वक रजिस्टर्ड किया गया है. योजना के तहत ई-वाउचर के माध्यम से करीब 10 लाख लोगों को उनके व्यवसाय के लिए उपयुक्त आधुनिक उपकरण खरीदने के लिए 15,000 रुपए तक के टूलकिट प्रोत्साहन स्वरूप मिले हैं. झारखंड के इन जिलों में ठंड को लेकर अलर्ट किया गया जारी