पटना। राजनीति में न तो कोई दोस्त होता है न दुश्मन… ये कहावत कहीं हकीकत में बदलने तो नहीं जा रही है। जिस तरह से हाल के दिनों में बिहार की राजनीति में बदलाव होती दिख रही है ऐसे में विश्लेषक अंदाजा लगा रहे है की कहीं अंदर हीं अंदर खिचड़ी तो नहीं पक रही ! नीतीश कुमार के जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने के बाद कहा जा रहा है कि राजद और जदयू के बीच खटास की स्थिति उत्पन्न हो गई है।

इसी बीच विधानसभा स्पीकर अवध बिहारी चौधरी ने राबड़ी देवी आवास जाकर राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मुलाकात की है। इस दौरान मंत्री तेज प्रताप यादव भी मौजूद रहे। इस मुलाकात को लेकर सियासी गलियारे में एक बार फिर सरगर्मी बढ़ गई है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इंडिया गठबंधन और खासकर महागठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है।

नीतीश कुमार के एनडीए में जाने की अटकलें तेज

एक बार फिर जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन जाने से नीतीश कुमार बीजेपी के साथ जाने की अटकलें तेज हो गई हैं क्योंकि पूर्व की घटना स्पष्ट उदाहरण है। जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा दावा कर रहे हैं कि नीतीश कुमार के पास एनडीए में जाने के अलावा कोई चारा नहीं है । उपेंद्र कुशवाहा ने ये भी कहा है कि नीतीश कुमार चाहें तो उनके लिए बीजेपी से पैरवी कर सकते हैं। यह अभी ध्यान देने की बात है कि नीतीश कुमार को जदयू का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाए जाने के बाद डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अपना विदेश द्वारा रद्द कर दिया। इन हालातों में विधानसभा अध्यक्ष का सबसे ज्यादा विधायकों वाली पार्टी आरजेडी के मुखिया से मुलाकात सामान्य घटना नहीं है।

स्पीकर पहुंचे लालू यादव से मिलने

बिहार विधानसभा के अध्यक्ष अवध बिहारी चौधरी ने रविवार की दोपहर राजद के राष्ट्रीय अध्यक्ष लालू प्रसाद से मिलने उनके आवास पहुंचे। दस सर्कुलर रोड स्थित पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर दोनों के बीच मुलाकात हुई। बीते दिन भी कई विधायक लालू से मुलाकात करने पहुंचे थे।

राबड़ी आवास में पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के 1 जनवरी को जन्मदिन को लेकर तैयारियां चल रही है। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष के वहां मिलने को राजनीतिक दृष्टि से अहम माना जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार विधि मंत्री शमीम अहमद भी लालू यादव से मिलने पहुंचे थे। पूर्व मंत्री श्याम बिहारी प्रसाद भी आए थे। जानकार बताते हैं कि राज्य के बदलते सियासी दौर में इस मुलाकात के बड़े मायने हैं।

जदयू और आरजेडी के बीच कटुता पनपने का दावा बीजेपी लगातार कर रही है। पार्टी लगातार आरोप लगा रही है कि ललन सिंह जेडीयू को आरजेडी में विलय करने वाले थे। उनकी तैयारी थी कि तेजस्वी यादव बिहार के सीएम बने। इस वजह से नीतीश कुमार उनसे नाराज थे। ललन सिंह को जेडीयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से हटना पड़ा और नीतीश कुमार एक बार फिर जेडीयू राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए। बीजेपी नेता सुशील मोदी ने आज भी दावा किया है कि नीतीश कुमार की कुर्सी खतरे में है। इस बीच विधानसभा स्पीकर की लालू यादव से मुलाकात को लेकर बिहार राजनीतिक पारा हाई हो गया है।

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