रांची: राज्यपाल महोदय आज राज भवन में झारखंड प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु अधिकारियों से संवाद स्थापित कर रहे थे। उक्त अवसर पर राज्यपाल के प्रधान सचिव डॉ० नितिन कुलकर्णी, निदेशक, श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान श्री के० श्रीनिवासन, संयुक्त निदेशक, श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान श्रीमती मीना, उप निदेशक श्रीकृष्ण लोक प्रशासन संस्थान श्रीमती सुमन पाठक सहित झारखंड प्रशासनिक सेवा के प्रशिक्षु पदाधिकारीगण उपस्थित थे।

राज्यपाल रमेश बैस ने कहा कि सभी को सेवा भाव से प्रतिबद्धता के साथ कार्य करना चाहिए। सेवाकाल में जन-कल्याण को प्राथमिकता दें, इसके लिए अधिक समय भी कार्य करना पड़े तो उससे पीछे नहीं हटे। अपने दायित्वों के निर्वहन के प्रति सदा तत्पर एवं समर्पित रहें। “झारखंड प्रदेश मेरा है”, इस अपनत्व की भाव से राज्य की प्रगति के लिए अपने दायित्वों का सदा निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि जनता अच्छे कार्य करने वाले पदाधिकारियों का सदा स्मरण करती है, उनका नाम लेती है।

‘झारखंड प्रदेश मेरा है’, इस अपनत्व के भाव से कार्य करें

राज्यपाल ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि प्रशिक्षण अवधि के बाद आप अपने जीवन की नई यात्रा आरंभ करेंगे। राज्य के विकास का अहम दायित्व आप पर रहेगा। इस राज्य को अपना मानते हुए, यहाँ के लोगों के प्रति सेवा भाव रखते हुए प्रदेश के विकास के प्रति सदा प्रतिबद्ध रहें।

ईमानदारी से करें कार्य

राज्यपाल महोदय ने प्रशिक्षु अधिकारियों से कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी आप पर होगी। आप अच्छे कार्य करेंगे तो केंद्र से भी अधिक राशि मिलेगी। उन्होंने कहा कि वे जहाँ कहीं भी पदस्थापित रहें, अपने कार्यों का ईमानदारीपूर्वक निर्वहन करें ताकि झारखंड राज्य का तीव्र गति से प्रगति हो सके।

लोगों को हिन्दी भाषा के प्रति प्रेरित करने का परामर्श

उन्होंने प्रशिक्षु अधिकारियों से हिन्दी भाषा के प्रति लोगों को प्रेरित करने की दिशा में भी ध्यान देने हेतु कहा। राज्यपाल महोदय ने प्रशिक्षु अधिकारियों से झारखंड राज्य के विश्वविद्यालयों की स्थिति के संदर्भ में भी चर्चा की। राज्यपाल महोदय को इससे पूर्व प्रशिक्षु अधिकारियों ने प्रशिक्षण के क्रम में प्राप्त अनुभवों से अवगत कराया।

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