झारखंड: चार दिन पूर्व चतरा जिले के प्रतापपुर थाना क्षेत्र में भाकपा माओवादी उग्रवादियों के साथ हुई मुठभेड़ में घायल हुआ सीआरपीएफ 190वीं बटालियन का जवान चितरंजन कुमार गुरुवार की सुबह बलिदानी हो गए।

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उनका उपचार रांची के एक निजी अस्पताल में चल रहा था। चितरंजन कुमार को पैर और कमर में गोली लगी थी। बिहार के नालंदा जिला के रहने वाले थे। अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अविनाश कुमार ने चितरंजन की बलिदानी की पुष्टि की है।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री एक ही गाड़ी में बैठकर सीआरपीएफ कैंप पहुंचे। कैंप पहुंचकर राज्यपाल रमेश बैस और सीएम हेमंत सोरेन ने शहीद सीआरपीएफ जवान चितरंजन कुमार को श्रद्धांजलि दी।

सुबह करीब 8 बजे आई बलिदान की खबर

सदर अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी ने बताया कि सुबह करीब 8:00 बजे चितरंजन की बलिदान की खबर मिली। उन्होंने बताया कि सीआरपीएफ के अधिकारी रांची के लिए रवाना हो गए हैं।

बता दें कि 18 सितंबर को चतरा जिले के प्रतापपुर और कुंदा थाना क्षेत्र के सीमाने पर पुलिस और भाकपा माओवादियों के बीच भीषण मुठभेड़ हुई थी। जिसमें चितरंजन कुमार घायल हुए थे। प्रतापपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें हेलीकॉप्टर से बेहतर उपचार के लिए रांची ले जाया गया था। रांची के मेडिका अस्पताल में उनका उपचार हो रहा था। स्थिति सामान्य बताई जा रही थी। 19 सितंबर को स्थानीय सांसद सुनील कुमार सिंह घायल चितरंजन से भेंट कर वस्तुस्थिति की जानकारी ली थी। उसके बाद सीआरपीएफ के कमांडेंट और दूसरे अधिकारी भी चितरंजन से मुलाकात किए थे। इसी बीच अचानक गुरुवार को चितरंजन को बलिदान होने की खबर आई।

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