कर्मचारियों की बड़ी खबर : छत्तीसगढ़ में पुरानी पेंशन योजना का लाभ कर्मचारियों को मिलना शुरू हो गया है। स्कूल शिक्षा विभाग के एक दिवंगत शिक्षक की पत्नी को पुरानी पेंशन योजना जारी करने का आदेश निर्गत हुआ है। दिवंगत शिक्षक की पत्नी को 10800 रुपये प्रतिमाह पेंशन की राशि मिलेगी। वहीं महंगाई भत्ता का निर्धारण पुनरीक्षत वेतन 2017 के आधार पर दिया जायेगा।

NPS छोड़ OPS में हुए थे शामिल
शिक्षक तुकाराम क्षेत्रपाल का संविलियन (शिक्षाकर्मी से नियमित शिक्षक बने) 2018 में हुआ था। उन्होंने NPS छोड़कर OPS स्कीम में शामिल होने की स्वीकृति दी थी। लेकिन OPS का चयन करने के कुछ ही महीने बाद 10 जून 2022 शिक्षक तुकाराम क्षेत्रपाल का निधन हो गया। छत्तीसगढ़ में 1 अप्रैल 2022 से पुरानी पेंशन योजना लागू हुई है। निधन पूर्व उन्होंने OPS की स्वीकृति दी थी, लिहाजा स्कूल शिक्षा विभाग ने उनके पेंशन का निर्धारण पुरानी पेंशन योजना के तहत किया है।

जानिये कितना मिलेगा पेंशन
पति के निधन पर OPS के लिए दिये आवेदन के आधार पर छत्तीसगढ़ सरकार के पेंशन विभाग ने पेंशन अदायगी आदेश (Penshion Payment Order) जारी किया है। अब PPO आदेश के आधार पर दिवंगत शिक्षक की पत्नी को पुरानी पेंशन योजना के तहत प्रतिमाह राशि का भुगतान होगा। तुकाराम क्षेत्रपाल की सैलरी मृत्यु के समय 36200 रुपये थी। उसके आधार पर दिवंगत शिक्षक की पत्नी को 10,800 रुपये प्रतिमाह पुरानी पेंशन योजना के तहत राशि का भुगतान होगा।

निधन के समय 10 साल की सेवा बची थी
शिक्षक तुकाराम क्षेत्रपाल की सेवा 10 साल से ज्यादा बची थी। छत्तीसगढ़ सरकार ने जो पुरानी पेंशन के लिए नियम निर्धारित किया है, उसके मुताबिक 10 साल से कम सेवा वालों को पुरानी पेंशन योजना में शामिल नहीं किया गया है। छत्तीसगढ़ सरकार ने जो नियम बनाया है, उसके मुताबिक शिक्षक तुकाराम क्षेत्रपाल ने सेवाकाल में NPS के तहत जो राशि 31 मार्च 2022 जमा की है, भुगतान होने पर उसे सरकार को वापस करना होगा।

पुरानी पेंशन पाने के लिए सरकार ने रखी है ये शर्त
पुरानी पेंशन योजना का विकल्प लेने वाले सरकारी कर्मियों को सेवानिवृत्त अथवा मृत्यु के प्रकरण में उनके एनपीएस खाते में जमा शासकीय अंशदान और उस पर आहरण दिनांक को अर्जित लाभांश की राशि सरकारी कोष में जमा करनी पड़ेगी। इस राशि को भविष्य के पेंशनरी दायित्वों के भुगतान के लिए लोक लेखे के अंतर्गत अलग से रखा जाएगा और प्रतिवर्ष पिछले वर्षों के पेशनरी दायित्वों के चार प्रतिशत के बराबर की राशि पेंशन निधि में निवेशित की जाएगी। बता दें कि एक नवंबर 2004 से 31 मार्च 2022 तक एनपीएस खाते से जमा कर्मचारी अंशदान और उस पर अर्जित लाभांश सरकारी कर्मचारियों को एनपीएस नियमों के अंतर्गत ही दिया जाएगा। राज्य सरकार के निर्देश के मुताबिक पुरानी पेंशन योजना का विकल्प लेने वाले कर्मियों को एक अप्रैल 2022 की तिथि से ही छत्तीसगढ़ प्रोविडेंट फंड (सीजीपीएफ) का सदस्य माना जाएगा। साथ ही सामान्य भविष्य निधि भी नियमों के अनुसार लागू होगी।

छत्तीसगढ़ में अधिकांश शिक्षक पुरानी पेंशन से वंचित
दरअसल छत्तीसगढ़ में 2000 के बाद से लेकर 2019 तक नियमित शिक्षकों की भर्ती हुई ही नहीं थी। वो सभी शिक्षकों शिक्षाकर्मी के नाम पर पंचायत, शिक्षा व आदिवासी विभाग में नियुक्त किया गया था। 2018 में तत्कालीन रमन सिंह सरकार ने सभी अनियमित शिक्षकों को नियमित करने का ऐलान किया था। लिहाजा शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ नियमितिकरण यानि 2018 के बाद मिल रहा रहा है। राज्य सरकार ने ये शर्त लगायी है कि जिसकी सेवा 10 साल से कम है, उन्हें पुरानी पेंशन योजना का लाभ नहीं मिलेगा। लिहाजा शिक्षाकर्मी से शिक्षक बने अधिकांश मास्टर साहब पुरानी पेंशन योजना के लाभ से वंचित हैं। ऐसे में शिक्षक डिमांड कर रहे हैं कि उन्हें प्रथम नियुक्ति तिथि यानि जब वो शिक्षाकर्मी के तौर पर नियुक्ति हुए थे, तब से पुरानी पेंशन योजना का लाभ सरकार दे, लेकिन सरकार अभी तक इस पर सहमत नहीं है।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...