धनबाद। नए साल में जिलेवासी को जल्द बड़ा तोहफा मिलने वाला है। विभागीय स्तर पर इस संबंध में कारवाई शुरू हो गई है। जिले में अब चिड़ियाघर (zoo) बनाने की तैयारी चल रही है। इससे जिले में सैर-सपाटे वाली जगहों की कमी धीरे-धीरे दूर हो जायेगी। शहर से सटे आमाघाटा में 60 एकड़ जमीन पर जू (चिड़ियांघर) का निर्माण किया जाएगा।

केंद्र सरकार के निर्देश पर वन विभाग ने इसका प्रस्ताव तैयार कर मंजूरी के लिए भेज दिया है। मंजूरी मिलते ही निर्माण शुरू होगा। आमाघाटा नर्सरी के पीछे वन विभाग के पास अपनी 60 एकड़ से अधिक जमीन है। यह जमीन चिड़ियाघर के लिए चिह्नित की गई है। चिड़ियाघर की जमीन का निरीक्षण करने के लिए नए साल में केंद्रीय चिड़ियाघर प्राधिकरण की टीम पहुंचेगी।

टुंडी शहर से दूर

सरकार के अनुसार निर्धारित मानक पर अगर यह सही रहा तो जल्द ही चिड़ियाघर का निर्माण शुरू हो जाएगा। मालूम हो की इससे पहले चिड़ियाघर के लिए वन विभाग की टीम ने टुंडी के जियाजोरी वनक्षेत्र का निरीक्षण किया था, लेकिन शहर से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी की वजह से यह जगह उपयुक्त नहीं माना गया।

प्राकृतिक दृष्टिकोण से भी उपयुक्त

पहाड़ों से घिरे आमाघाटा का क्षेत्र वन जीवों के लिए उपयुक्तः वन विभाग ने चिड़ियाघर बनाने के लिए आमाघाटा क्षेत्र को उपयुक्त माना है। वन विभाग यहां वन्य जीवों के लिए प्राकृतिक खूबसूरती के बीच बेहतर माहौल देने का प्रयास कर रहा है। चिड़ियाघर में शेर, भालू, मोर, बाघ व तेंदुआ जैसे जानवरों को रखा जाएगा।

रांची के ओरमांझी की तर्ज पर चिड़ियाघर बनाने की तैयारी

रांची शहर से 20 किलोमीटर दूर ओरमांझी चिड़ियाघर की तर्ज पर ही धनबाद में चिड़ियाघर का निर्माण किया जाएगा। रांची स्थित भगवान बिरसा जैविक उद्यान भारत के सबसे खूबसूरत और प्रगतिशील चिड़ियाघरों में से एक है, जो 104 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला है। धनबाद में भी ऐसे ही चिड़ियाघर का निर्माण की तैयारी है। ये खबर सुनते है जिले वासी में उत्साह भर रहा है।

घूमने फिरने के स्थान की थी कमी

राज्य का पुराना औधौगिक क्षेत्र होने के वावजूद जिले वासी घूमने की जगह की कमी से जूझ रहे थे। लगातार इसकी मांग भी उठाई जा रही थी। ऐसे में जू खोलने के खबर से जिले वासी काफी उत्साहित है। कई संगठनों ने जिले के पदाधिकारी और जन प्रतिनिधियों से इस संबंध में बढ़ चढ़ कर अगुवाई और आने वाले व्यवधान की दूर करने का आग्रह भी कर रहे है।

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