गया। बच्ची स्कूल लेट पहुंची, तो शिक्षकों ने छात्रा को ईंट ढोने की सजा दे दी। धूप में ईंट ढोने वाली बच्ची की तबीयत बिगड़ गयी और फिर वो स्कूल में ही बेहोश होकर गिर गयी। आनन फानन में उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। फिलहाल उसका इलाज चल रहा है।हालांकि स्कूल में शिक्षक इन आरोपों से इनकार कर रहे हैं।

छात्रा ने बताया कि घर पर कुछ काम की वजह से स्कूल जाने में देर हो गई। इस पर शिक्षिका ने स्कूल परिसर में इधर -उधर बिखरे पड़े ईट को उठा कर किनारे रखने को कहा। साथ मे यह भी कहा कि तुम देर से स्कूल आई हो। इस लिए ईंट को उठाकर किनारे रखो। रूपाली का कहना है कि ईंट उठाते-उठाते मेरी तबीयत खराब हो गई। जिसके बाद वो बेहोश होकर गिर गयी।

इधर शिक्षकों का कहना है कि बरसात के कारण स्कूल परिसर में पानी का जमाव हो जाता है। वर्ग से कार्यालय आने जाने के रास्ते मे कुछ ईंट को बिछाया गया था। 15 अगस्त की तैयारी चल रही है। स्कूल में साफ सफाई कराया जा रहा था। वहीं चेतना परिसर में कुछ ईंट पड़ी थी उसे हटाने को बच्चों को कहा गया था। इसी बीच एक छात्रा बेहोश हो गई। इस पर उसे अस्पताल ले जाया गया। अब वह स्वस्थ है।

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