Geeta koda Biography : गीता कोड़ा का जीवन परिचय, मधु कोड़ा की पत्नी ने कैसे रखा राजनीति में कदम
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Geeta kodaBiography In Hindi: गीता कोड़ा जिस दिन कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल हुई थी, उसी दिन ये तय हो गया था, पार्टी उन्हें लोकसभा में टिकट देगी। भाजपा की पहली लिस्ट में ही गीता कोड़ा को पार्टी ने टिकट दे दिया। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा के भाजपा में ज्वाइन करते ही भ्रष्टाचार का मुद्दा गरमाने लगा था।
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भाजपा पर तंज कसा जा रहा था कि सूचिता की बात करने वाली बीजेपी ने आखिरकार भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे मधु कोड़ा की पत्नी को पार्टी में कैसे शामिल कर लिया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी भी इस सवाल पर कन्नी काटते नजर आये थे। 5 दिन पहले जब गीता कोड़ा भाजपा में शामिल हुई, तो मधु कोड़ा और गीता कोड़ा दोनों ट्रेंड करने लगे थे। आंखिर कौन है गीता कोड़ा, जिसे पांच दिन बाद ही पार्टी ने टिकट दे दिया।
जानिये कौन हैं मधु कोड़ा
मधु कोड़ा ने बतौर ठेका मजदूर मजदूरी भी की थी। उसके बाद वो मजदूर यूनियन के नेता बने। कोड़ा के पिता रसिक एक खान में मजदूर थे। अपनी एक एकड़ जमीन पर वो खेती करते थे। मधु कोड़ा के पिता का सपना था कि उनका बेटा पुलिस में भर्ती हो और एक सम्मानजनक नौकरी करे लेकिन ऐसा नहीं हुआ। कोड़ा ने राजनीति का रूख किया। देश की राजनीति में पहली बार ऐसा हुआ, कि निर्दलीय चुनाव लड़कर जीते मधु कोड़ा झारखंड के मुख्यमंत्री बन गये। देश में कोई और ऐसा उदाहरण नहीं है, जहां कोई निर्दलीय मुख्यमंत्री बन गया हो। महज तीन निर्दलीयों विधायकों के साथ मिलकर उन्होंने सरकार बना ली। 2006 में बाबूलाल मरांडी की सरकार अल्पमत में आने के बाद कांग्रेस की संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन और तीन निर्दलीय विधायकों के समर्थन से मधु कोड़ा झारखण्ड के 5वें मुख्यमंत्री बने। इसके पहले वो बाबूलाल मरांडी और अर्जुन मुंडा सरकार में दो बार मंत्री भी रह चुके हैं।
जानिये कौन है गीता कोड़ा
गीता कोड़ा का जन्म 26 सितंबर 1983 में मेघहातु बुरु नाम के जिले में हुआ था. उन्होंने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई की है. मधु कोड़ा से शादी करने के बाद वो काफी समय तक एक गृहणी बनकर ही रहीं. 2009 में जब मधु कोड़ा को भ्रष्टाचार के मामले में जेल जाना पड़ा तब गीता कोड़ा ने राजनीति में कदम रखा. इस सीट से उनके पति मधु कोड़ा दो बार पहले भी जीत हासिल कर चुके थे। 2014 के मोदी लहर में चुनाव जीत लक्ष्मण गिलुवा पहली बार सांसद बने थे। उन्होंने 2014 में जय भारत समानता पार्टी से प्रत्याशी गीता कोड़ा को हराया था। 2014 में मोदी लहर के बावजूद गिलुवा को मात्र 26% वोट मिले थे। महागठबंधन का वोट शेयर मिला दें तो यह 30% है। 2014 में जय भारत समानता पार्टी बनाकर गीता कोड़ा ने 18% वोट हासिल किए थे। मधु कोड़ा की पत्नी गीता कोड़ा ने 2019 में सिंहभूम सीट से कांग्रेस से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी।