पटना। नीतीश कैबिनेट की बैठक में मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के जुड़े अहम मसलों पर चर्चा हुई। इस दौरान चार डाक्टरों को जहां सेवा से बर्खास्त करने का फैसला लिया गया, तो वहीं कोरोना काल में सरकारी की मदद करने वाले PG स्टूडेंट और MBBS इंटर्न को एक महीने का मानदेय स्टाइपेंड देने का फैसला भी ले लिया गया। कोरोना काल में डाक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों के साथ मेडिकल में स्नाकोत्तर विद्यार्थियों और एमबीबीएस इंटर्न ने भी अस्पतालों में सेवा दी। उन्हें व्यवस्था के अनुरूप भुगतान किया गया है। पीजी और एमबीबीएस इंटर्न के लिए पैसे की स्वीकृति नहीं थी, जिस पर कैबिनेट में मुहर लगी है।

ड्यूटी से गायब चार डाक्टरों को सेवा से बर्खास्त किया गया है। वहीं एक अधिकारी को अनिवार्य सेवानिवृति दी गयी है। किशनगंज में तैनात डाक्टर जुनैद अख्तर और किशनगंज के कोचाधामन में तैनात डाक्टर आशुतोष कुमार को राज्य सरकार ने बर्खास्त किया है। दोनों साल 2107 से गायब थे, वहीं सदर अस्पताल पूर्णिया में तैनात डाक्टर उमेश कुमार 2014 और रेफरल अस्पताल पूर्णिया में पदस्थ डाक्टर अनिमेष कुमार को 2017 से गायब रहने की वजह से बर्खास्त किया गया है।

वहीं एक कार्यपालक अभियंता हरिगोपाल सिंह को जबरिया रिटायर करने का आदेश राज्य सरकार ने दिया है। हरिगोपाल पर संवेदन को अधिक भुगतान करने पर सेवानिवृति दी गयी है।

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