पटना। जातीय गणना ड्यूटी में लगे दो शिक्षकों की मौत के बाद अब शिक्षा विभाग हरकत में आया है। पहले ये निर्देश था कि स्कूल के समय के बाद शिक्षक जातीय गणना ड्यूटी करेंगे, लेकिन अब विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि शिक्षक सिर्फ स्कूल में जाकर अटेंडेंस बनायेंगे, स्कूल में पढ़ाई से उन्हें मुक्त कर दिया गया है। वो अब स्कूल समयावधि में ही जाकर जनगणना का काम करेंगे। इस संदर्भ में शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार ने बिहार के सभी जिलाधिकारियों को भेजे पत्र में कहा है कि ‘जिलों से सूचना मिल रही है कि शिक्षकों को यह निर्देश दिया गया है कि शाम 4 बजे के बाद जातीय गणना का कार्य करेंगे। ठंड के मौसम को देखते हुए यह उचित प्रतीत नहीं होता है। साथ ही वर्तमान में ठंड के कारण अधिकांश विद्यालयों की कक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं।’

शिक्षा विभाग के इस आदेश के बाद शिक्षकों को थोड़ी राहत मिली है। अब जाति गणना में लगाए गए शिक्षकों को दोहरी जिम्मेदारी से मुक्ति मिलेगी। जिन शिक्षकों को जातीय गणना काम में लगाया जायेगा, उन्हें स्कूल में पढ़ाने कार्य से मुक्त रखा जायेगा। जाति गणना में प्रतिनियुक्त शिक्षक शाम 4 बजे के बाद नहीं, बल्कि दिन में स्कूल के समय में ही जाति गणना का कार्य कर सकेंगे। बता दें कि यह कई स्कूलों में हुआ है कि प्रधानाध्यापक को छोड़ सभी को जाति गणना कार्य में लगा दिया गया है।

विभाग की तरफ से भेजे गये पत्र में कहा गया है कि ‘जातीय गणना के लिए शिक्षकों की प्रतिनियुक्ति करने में यह ध्यान रखा जाए कि विद्यालय के सभी शिक्षकों को प्रतिनियुक्त नहीं किया जाए। जो जाति गणना में प्रतिनियुक्त शिक्षक हैं वे पूरे दिन की कार्य अवधि में जाति गणना का कार्य करें और इसी बीच किसी भी समय जाकर अपनी उपस्थिति स्कूल में दर्ज करा लें।’ इस फैसले पर शिक्षकों की नाराजगी थोड़ी कम होगी।

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