रांची: सत्र 2016-17 और उसके बाद राज्य में बंद या मर्ज हुए सरकारी स्कूल फिर से खोले जाएंगे। इसकी कवायद शुरू हो चुकी है। राज्य में इस दौरान विभिन्न जिलों में चार हजार से अधिक बंद हुए या मर्ज किए गए हैं। ऐसे विद्यालयों की स्थिति और खोलने परिस्थिति की से संबंधित पूरी और विस्तृत रिपोर्ट मांगी गयी है। झारखंड शिक्षा परियोजना परिषद की ओर से सभी जिले के उपायुक्त को पत्र लिखा गया है। इस पत्र में कहा गया है कि स्कूलों की स्थिति से संबंधित रिपोर्ट एक महीने में प्राथमिक शिक्षा निदेशक को भेजें।

क्यों बंद या मर्ज हुए थे स्कूल

साल 2016-17 में विभागीय मंत्री की ओर से समीक्षा की गयी थी। वहीं निशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा की ओर से जो मानक तय हैं, उसके मुताबिक एक किलोमीटर के दायरे में एक प्राथमिक विद्यालय के स्थान पर एक से अधिक प्राथमिक विद्यालय रहने, एक ही परिसर में एक से अधिक विद्यालय संचालित रहने की वजह से ऐसे स्कूलों को प्रशासनिक एवं भौगोलिक रूप से मर्ज कर दिया गया। वहीं 27 स्कूल ऐसे थे, जो निर्धारित किलोमीटर परिधि में एक से अधिक विद्यालयों में शामिल थे। साथ ही इन स्कूलों में स्टूडेंट्स की संख्या नहीं के बराबर थी, उन्हें प्राथमिक विद्यालय बना दिया गया।

शिक्षा परियोजना की ओर से भेजे गए पत्र में कहा गया है। कि वैसे स्कूल जो किसी दूर के स्कूल में मर्ज हो गए हैं। जहां स्टूडेंट्स का जाना संभव नहीं हो रहा है। उन्हें चिन्हित करें। ऐसे स्कूलों की सूची उनकी स्थिति के साथ तैयार करें कि उन्हें खोलना संभव है या नहीं। ऐसे चिन्हित विद्यालयों की सूची प्राथमिक शिक्षा निदेशक एवं राज्य परियोजना निदेशक को भेजें। ताकि इसपर सरकार के स्तर से इन्हें फिर से खोलने पर विचार किया जा सके।

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