डुमरी उपचुनाव : 4 प्रत्याशियों को तो नोटा भी कम मिले वोट, कहीं AIMIM की वजह से तो आजसू नहीं हार गयी डुमरी में, जानिये क्यों

गिरिडीह। डुमरी उपचुनाव में बेबी देवी ने जगरनाथ महतों की विरासत को बरकरार रखा है। इस चुनाव में छह प्रत्याशियों की किस्मत दांव पर थी। चुनाव नतीजे में झामुमो की बेबी देवी और आजसू की यशोदा देवी के बीच ही मुख्य मुकाबला दिखा, बाकि के चार प्रत्याशी दूर-दूर तक नहीं रहे। आलम ये रहा कि चारों की जमानत ही जब्त हो गयी।

अंतिम मतगणना में डुमरी विधानसभा उपचुनाव में जेएमएम की बेबी देवी को 100231 वोट मिले, वहीं आजसू की यशोदा देवी ने 83075 मत हासिल किये। अन्य नेताओं की बात करें तो AIMIM के अब्दुल मोबिन रिजवी को जहां 3471 वोट मिले, तो वहीं निर्दलीय प्रत्याशी रोशन लाल तुरी को 1898, कमल साहू को 712, नारायण गिरि को 610 वोट मिले। जबकि इन चारों से ज्यादा तो नोटा को वोट मिले। डुमरी उपचुनाव में 3649 मत मिला।

हैरानी की बात ये है कि ओवैशी की पार्टी के अब्दुल मोबिन अपने पुराने रिकार्ड से काफी पीछे रग गये। उन्हें 2019 विधानसभा चुनाव में 24132 वोट मिले थे। माना जा रहा था कि इस बार उन्हें इससे ज्यादा वोट मिलेंगे, लेकिन 3471 वोट के साथ वो करीब 80 फीसदी वोट से पीछे रह गये।

हालांकि इसकी बड़ी वजह ये रही कि मुस्लिम वोटरों का ध्रुवीकरण नहीं हो पाया। इंडिया गठबंधन ने डुमरी उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक रखी थी, यहां तक डुमरी में पार्टी के सीनियर मुस्लिम लीडर और मंत्रियों ने डुमरी में खूब कैंपेनिंग की थी, लिहाजा इंडिया के कंडीडेट के पक्ष में मुस्लिम वोट पड़ा। अगर AIMIM की तरफ मुस्लिम वोटरों का रूझान हो जाता तो डुमरी उपचुनाव फंस सकता था। लेकिन मुस्लिम वोटरों का ज्यादातर वोट INDIA गठबंधन को चला गया।

HPBL Desk
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