हज़ारीबाग। मसीपीढ़ी स्थित एके सनशाइन हॉस्पिटल में बीते 2 दिसम्बर को इलाज के दौरान पदमा प्रखंड के नावाडीह निवासी मनोज मेहता (50 वर्ष) की मौत हो गई थी।

ग्रामीणों एवं परिजनों ने डॉक्टर पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया था। मृतक के पुत्र अजय कुमार मेहता ने बताया कि बीते 2 दिसम्बर को शाम में सीने में दर्द होने पर एके सनशाइन हॉस्पिटल में इलाज के लिए लाया गया था जहां हॉस्पिटल के महिला चिकित्सक ने इंजेक्शन लगाया। इंजेक्शन लगाते ही तबियत और ज्यादा बिगड़ गई एवं मुँह से झाग आने लगा और कुछ समय बाद पापा की मृत्यु हो गई।

इस पर परिजनों ने गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा कर दिया। परिजन डॉक्टर की गिरफ्तारी, अस्पताल को सील करने और मुआवजे की मांग कर रहे थे।

आंदोलन और विरोध के बाद अस्पताल प्रबंधन के प्रतिनिधि द्वारा मृतक के परिवार को 2 लाख 50 हजार रुपया का चेक दिया गया। साथ ही 50 हज़ार की राशि जनसहयोग द्वारा परिजनों को दी गयी।

06 दिसम्बर से चल रही थी वार्ता

इस मामले को लेकर 6 दिसम्बर से बरही विधानसभा के पूर्व प्रत्याशी संजय मेहता के नेतृत्व में वार्ता चल रही थी। पुनः 8 दिसम्बर को लंबी वार्ता हुई। आठ घंटे तक चली वार्ता के बाद परिजनों को मुआवजा सौंपा गया। 08 दिसम्बर को संजय मेहता के साथ कुटीपीसी गाँव के लोग हॉस्पिटल के दरवाजे के समक्ष धरना पर बैठ गए। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने मुआवजा देने की हामी भरी।

संजय मेहता ने शुरू किया विरोध, जुटते गए लोग

खबर के बाद संजय मेहता ने विरोध शुरू कर दिया। संजय मेहता के नेतृत्व में परिवार को राहत दिलाने में कई अन्य सामाजिक कार्यकर्ताओं का योगदान रहा। सभी डटे रहे। इस दौरान जेबीकेएसएस के राजदेश रतन, सूरज कुमार, उदय मेहता, महेंद्र प्रसाद, विनय मेहता, आर्यकांत मेहता, गौतम मेहता, सिकेन्द्र मेहता, मंटू मेहता, कुणाल मेहता, संदीप पासवान, मुखिया विजय मेहता, बप्पी करण, सामाजिक कार्यकर्ता पूनम यादव, मनीषा टोप्पो, अविनाश यादव, टिंकू यादव, सोनू कुमार, सकलदेव कुमार, पप्पू मेहता, रंजीत कुमार, संजय महतो, संदीप पासवान, महेश मेहता, धनेश्वर मेहता,सुजीत कुमार, कुलदीप मेहता, समेश कुमार, प्रमोद कुमार, रोहित कुमार, रामचरित्र मेहता, दिलीप मेहता का सराहनीय योगदान रहा।

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