धनबाद । जिले के बाघमारा स्थित बीसीसीएल block-2 की रेलवे साइडिंग में कोयला चोरों और सीआईएसएफ के बीच मुठभेड़ हो गई। कोयला क्षेत्र अचानक गोलियों के तड़तड़ाहट से गूंज उठा और भगदड़ का माहौल बन गया। घटनास्थल पर देखते ही देखते 4 शव जमीन पर गिरे मिले। जबकि दो पूरी तरह जख्मी थे।

मृतकों में तेलोंटांड निवासी प्रीतम चौहान, सज्जाद खान, शहजादा खान और अताउल अंसारी शामिल है। सभी की उम्र 20 से 25 साल के बीच है। बताया जा रहा है कि कुछ घायलों और मृतकों को कोयला चोर अपने साथ लेते गए तो कुछ को सीआईएसएफ जवानों ने हीं अस्पताल पहुंचाया। वही परे इलाके में तनावपूर्ण स्थिति बनी हुई है।

घटना शनिवार रात करीब 10:45 से 12:15 के बीच की है। बताया जा रहा है कि सीआईएसएफ की टीम ने चोरों को चेतावनी भी दी लेकिन जवाब में कोयला चोरों ने सीआईएसएफ पर हमला कर दिया जिससे दोनों तरफ से गोलीबारी होने लगी। इस दौरान दोनों तरफ से करीब 30 राउंड फायरिंग की गई।

सीआईएसएफ के पेट्रोलिंग वाहन में गोली लगने का निशान भी दिखाई दे रहा है। सीआईएसफ द्वारा चलाई गई गोली छह लोगों को लगी जिसमें 4 की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से जख्मी हो गया। गंभीर हालत में उन्हें धनबाद मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। जहां एक को दुर्गापुर और एक को रांची स्थित रिम्स रेफर कर दिया गया।

इस मामले में सीआईएसएफ का कहना है कि हमलावरों द्वारा छीना झपटी किए जाने के क्रम में गोली चल गई जिसमें 4 की मौत हो गई और 2 जख्मी हो गए।

परिजनों ने फायरिंग पर उठाए सवाल ? क्या फायरिंग ही था विकल्प

मृतक के परिजनों ने कोयला उत्खनन करने वाली कंपनियों पर मनमानी का आरोप लगाया। कहा कि स्थानीय लोगों को कोल माइंस में नौकरी नहीं दी गई हमारी जरूरते देखें, हमारी जमीन ली गई। बाघमारा के अधिकांश आबादी बेरोजगार है। बेरोजगारी में लोग कोयला चोरी नहीं करेंगे तो क्या करेंगे। हमारे पास आखिर विकल्प ही क्या है ?

एक युवक ने कहा कि मैं मानता हूं कि चोरी अपराध है, लेकिन क्या फायरिंग ही विकल्प था। किस की परमिशन से गोली चलाई गई। यदि हमारे लोग दोषी थे तो गिरफ्तार करते, वही एक मृतक की बहन ने कहा कि उन्हें गिरफ्तार किया जा सकता था। पिटाई कर लेते, लेकिन गोली क्यों चलाई। महिला ने कहा है कि हमें इंसाफ चाहिए, हमें जवाब चाहिए। परिजन मुआवजे की भी मांग कर रहे हैं।

जानकारी के अनुसार मुठभेड़ में मारे गए चारों युवक निम्न आय वर्ग के हैं। बेरोजगारी कारण यह कोयला चोरी का काम करते थे। सूत्र बताते हैं कि सीआईएसएफ के द्वारा चलाई गई गोलियों सभी के माथे पर लगी है। आखिर वहां कैसी स्थिति उत्पन्न हो गई थी कि सीआईएसफ ने सीधे लोगों को निशाना बनाकर गोलियां चला दी। यह एक जांच का विषय है। जिस का सही जवाब सीआईएसएफ के ही पास है

जानकार कहते हैं कि हवाई फायरिंग कर या पैरों को निशाना बनाकर भी हमलावर को नियंत्रित कर सकता था। सीआईएसएफ के जवान अपनी जान पर खतरा महसूस कर गोलियां चलाए होंगे, यह जांच में ही खुलासा हो सकता है।

मुठभेड़ के करीब 12 घंटे बाद रविवार को 11:30 बजे उपायुक्त संदीप सिंह के निर्देश पर मामले की जांच को घटनास्थल पर एसडीओ प्रेम कुमार तिवारी वीडियो सुनील कुमार प्रजापति और सीओ से कमल किशोर सिंह पहुंचे। उन्होंने सीआईएसफ जवानों व अधिकारियों से घटना की जानकारी ली। एसडीओ ने कहा कि जानकारी जुटाई जा रही है। जांच के बाद ही आगे कुछ कहा जा सकता है।

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