धनबाद । स्वास्थ्य विभाग में सब कुछ ठीक ठाक चल रहा है ? ये सवाल जितना अहम है उतना ही अहम है इस सवाल का जवाब। परंतु दुर्भाग्य ये है की इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं। नीति ये कहती है की हर सवाल का जवाब भी जरूर होता हैं परंतु यदि कोई सवाल का जवाब ही देना न चाहे तो बात ही दिगर है। जी हां हम बात कर रहे हैं धनबाद जिले के स्वास्थ्य विभाग की, जो हर दिन किसी न किसी मुद्दे पर सुर्खियों में रहना ही इसकी फितरत बन चुकी हैं।

अपने ही आदेश में करना पड़ रहा संशोधन

पिछले दो महीने में जिस तरह से स्वास्थ्य विभाग की कार्यशैली चल रही है उसमें कहीं न कहीं सवाल पैदा होना स्वाभाविक है की विभाग में सब कुछ ठीक ठाक नहीं चल रहा। जिले के वरीय अधिकारी को अपने ही जारी आदेश में अपने ही जिला में संशोधन करना पड़े तो इसमें कहीं न कहीं शक की सुई उठनी स्वाभाविक है।

पुराने सिविल सर्जन की कार्यशैली जांच के दायरे में

पिछले सिविल सर्जन के कार्यकाल में उनके कार्यकलाप पर जिस तरह से अंगुली उठी, उसके बाद परत दर परत भ्रष्ट्राचार की पोल खुलती गई। चाहे वो मामला सदर अस्पताल में खरीदारी का हो, सरकारी गाड़ी को हटाकर कर्मियों की गाड़ी को भाड़े पर रखने का हो, जांच की जद में वो सारे आदेश हैं जिसपर फैसला आना बाकी है।

अपने ही आदेश पर बैक फुट पर सिविल सर्जन

नए सिविल सर्जन चंद्र भानु प्रतापन ने जिस तरह से कार्यालय कि साफ सुथरी छवि पेश करने के उद्देश्य से कार्यालय में प्रतिनियुक्त कर्मियों की प्रतिनियुक्ति समाप्त करने का आदेश जारी किया फिर दूसरे पत्र में उन कर्मियों को फिर से प्रतिनियुक्ति आदेश जारी कर दिया। ये भी सवाल अपने आप में संदेहास्पद है की आखिर किनके दवाब और कैसे फैसले लिए जा रहे हैं।

लंबे समय से गायब nhm कर्मी पर मेहरबानी की वजह

अभी ताजा मामला NHM के फार्मासिस्ट अरविंद कुमार शर्मा का है। जिनका पदस्थापन CHC गोविंदपुर में है परंतु अपनी जुगत से प्रतिनियुक्ति snmmch में है। कुछ दिन पूर्व उनकी प्रतिनियुक्ति समाप्त कर मूल पदस्थापन स्थान CHC गोविंदपुर भेज दिया गया। परंतु वो कर्मी लंबे समय तक न तो CHC गोविंदपुर में ज्वाइन किया, न ही snmmch में कार्यरत था। सिविल सर्जन के आदेश की ठेंगा दिखाते हुए वो कर्मी कहीं कार्यरत नहीं रहा। परंतु लंबे समय से गायब एनएचएम अनुबंध कर्मी अरविंद कुमार शर्मा की snmmch में प्रतिनियुक्ति का आदेश पुनः जिले के सिविल सर्जन द्वारा 11 अक्टूबर को जारी किया जाता है।

उठ रहे ज्वलंत सवाल

अपने ही आदेश पर बैक फुट पर सिविल सर्जन के आने का औचित्य क्या है?

बिना किसी सूचना के लंबे समय तक गायब अनुबंध कर्मी अरविंद कुमार शर्मा को दुबारा प्रतियुक्ति की मेहरबानी की वजह ?

अनुबंध नियम के अनुसार बिना सूचना के गायब कर्मी की अनुबंध सेवा समाप्त का नियम लागू क्यों नहीं ?

लंबे समय तक गायब कर्मी को कार्यरत दिखाने के लिए परदे के पीछे कोई खेल तो नहीं?

सवाल और भी कई है जिस पर से पर्दा उठना बाकी है। परंतु जिस तरह से जिले के स्वास्थ्य विभाग के कारनामे सामने आ रहे हैं उसपर राज्य भर के आलाधिकारी की टेढ़ी नजर है।

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