धनबाद: साथ जीने और साथ मरने की कसमें तो हर पति-पत्नी खाते हैं, लेकिन साथ मरने का साहस शायद ही कोई जुटा पाता है। सरायढेला रघुवर नगर की रूबी कुमारी (28 वर्ष) ने सुहाग उजड़ने के गम में मौत को गले लगा लिया। बीमारी से 30 वर्षीय पति गोविंद ठाकुर की मौत होने के बाद जैसे ही अर्थी रघुवर नगर पहुंची, रूबी ने अपना कमरा बंद कर पंखे से फांसी लगा ली।

गोविंद ठाकुर के बड़े भाई प्रेम कुमार ने पुलिस को दिए बयान में बताया कि भाई तीन महीनों से पीलिया बीमारी से ग्रस्त था। गुरुवार की सुबह नौ बजे भाई की तबीयत बिगड़ी तो उसे लेकर घर के लोग एसएनएमएमसीएच गए। इलाज के दौरान डॉक्टरों ने गोविंद को मृत घोषित कर दिया। मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के बाद शाम चार बजे घर वाले शव लेकर रघुवर नगर पहुंचे। पति का शव देखते ही रूबी पछाड खाकर रोने लगीं। वह बार-बार अपनी किस्मत को कोस रही थीं।

कपड़ा बदलने कमरे में गई और दुपट्टे से लगा लिया फंदा

प्रेम ने बताया कि अंतिम संस्कार के लिए ले जाने पहले महिलाएं विलाप कर रही थीं। रस्म को निर्वहन किया जा रहा था। इसी बीच उनकी भावज ने कहा कि वह कपड़े बदल कर आ रही हैं और अपने कमरे में चली गईं। 20 से 25 मिनट तक जब वह बाहर नहीं आई तो घरवालों को शंका हुई। कमरा अंदर से बंद था। आवाज लगाने पर रूबी ने कोई उत्तर नहीं दिया। गैता से दरवाजा पर मार कर तोड़ गया। छेद से झांक कर देखा तो रूबी दुपट्टे के सहारे पंखे से लटक रही थीं। रूबी को कोई संतान नहीं थी। वह तीन महीने की गर्भवती थी।

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