रांची: झारखंड में जारी राजनीतिक अनिश्चितता के बीच हेमंत सोरेन सरकार ने गढ़वा के रंका में डिग्री कॉलेज खोलने और असाध्य रोग में सहायता राशि बढ़ाने के फैसले को मंजूरी दे दी है। बुधवार को मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जारी विज्ञप्ति में बताया गया कि हजारीबाग जिला में जमीन की रसीद निर्गत करने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दे दी गयी है।

युवाओं को उच्च शिक्षा का अवसर

गढ़वा जिला के रंका अनुमंडल मुख्यालय में डिग्री कॉलेज की स्थापना करने के प्रस्ताव पर स्वीकृति दी गयी। वर्ष 2008 से पहले रंका, गढ़वा सदर अनुमंडल का हिस्सा था। अनुमंडल बनने के बाद से रंका के लोगों की मांग थी कि अनुमंडल में एक डिग्री कॉलेज की स्थापना की जाये। रंका में डिग्री कॉलेज खुलने से युवाओं को उच्च शिक्षा के अवसर प्राप्त होंगे।

असाध्य रोग में सहायता राशि होगी 10 लाख रुपये

मुख्यमंत्री ने गंभीर बीमारी उपचार योजना के तहत प्रभावित व्यक्तियों की चिकित्सा के लिए विभागीय स्तर से चिकित्सा सहायता अनुदान की राशि 5 लाख रुपये को बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गयी है। पूर्व से स्वीकृत असाध्य रोगों की सूची में कुछ अन्य असाध्य रोगों को भी सूचीबद्ध किया जायेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि असाध्य रोगों के इलाज के लिए पूर्व में दी जा रही 5 लाख रुपये की राशि पर्याप्त नहीं है। इसलिए इसमें वृद्धि की जाये। अब इस राशि को दुगना कर दिया गया है। अब सभी जरूरतमंदों को असाध्य रोग के इलाज में काफी मदद मिलेगी।

हजारीबाग के लोगों को मिलेगी जमीन की रसीद

हेमंत सोरेन सरकार ने हजारीबाग नगरपालिका द्वारा अब तक उपभोग किये जा रहे जमींदारी अधिकारों को बिहार भूमि सुधार अधिनिमय, 1950 के प्रावधानों एवं अपर मुख्य सचिव, राजस्व, निबंधन एवं भूमि सुधार विभाग की अध्यक्षता में दिनांक 21.06.2022 को हुई बैठक में अभिलेखों के हस्तांतरण के दिये गये निर्देशों के अनुसार राज्य सरकार में निहित (Vest) किये जाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दे दी।

हजारीबाग शहर के निवासियों को हो रही थी परेशानी

हजारीबाग शहर की करीब आधी भूमि का राजस्व रसीद हजारीबाग नगरपालिका द्वारा निर्गत किया जाता था। वर्ष 2011-12 में तत्कालीन एसडीओ ने इस प्रक्रिया पर रोक लगा दी. तब से जमीन की खरीद-बिक्री, म्यूटेशन आदि में लोगों को परेशानी होती थी। जिला प्रशासन के पास भी रसीद निर्गत करने का अधिकार नहीं था. इसकी वजह से समस्या जटिल होती जा रही थी।

झारखंड विधानसभा में कई बार पूछे गये थे सवाल

कई बार झारखंड विधानसभा में सवाल पूछे गये। कई जनप्रतिनिधियों और स्थानीय लोगों ने इस समस्या के निराकरण की मांग की. लेकिन, समाधान नहीं हुआ। हेमंत सोरेन ने मामले की जानकारी मिलने के बाद रसीद निर्गत करने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए राजस्व विभाग से संबंधित इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।

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