गुमला। एक दर्दनाक खबर गुमला के घाघरा से आयी है। कोविड वैक्सीनेशन के लिए जा रही महिला स्वास्थ्यकर्मी की सड़क हादसे में मौत हो गयी। हादसे से गुस्साये स्वास्थ्यकर्मियों ने मुख्य सड़क जाम कर दिया। इस दौरान स्वास्थ्यकर्मियों ने अपने ही विभाग के अधिकारियों पर जमकर गुस्सा निकाला। मृतिका का नाम निर्मला पायरी मिंज बताया जा रहा है, जो आरंगी सब सेंटर में ANM के तौर पर पदस्थ थी।
घटना मंगलवार को गुमला के घाघरा ब्लाक स्थित पुटो झारखंड डिपा बाजार की बतायी जा रही है। हादसा उस वक्त हुआ, जब वो अपने स्कूटी से वैक्सीनेशन के लिए जा रही थी, तभी डिपा बाजार के बीच वो हादसे का शिकार हो गयी। आरंगी सब सेंटर में पदस्थ निर्मला पायरी मिंज की सड़क हादसे में हुई मौत के गुस्साये स्वास्थ्यकर्मियों ने सड़क जाम कर दिया।
करीब एक घंटे तक हुए सड़क जाम के बाद स्थानीय थाना प्रभारी दलबल के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को समझा बुझाकर जाम खाली करवाया। इस दौरान स्वास्थ्यकर्मियों ने कोरोना गाइडलाइन के मुताबिक मृतिका को बीमा का लाभ देने सहित अन्य आर्थिक मदद की मांग की।
महीनों से वेतन नहीं मिला था ANM
चंदा जुटाकर किया अंतिम संस्कार
चंदा जुटाकर किया अंतिम संस्कार
ANM को महीनों से वेतन नहीं मिला था, जिसकी वजह से अंतिम संस्कार तक के पैसे नहीं बचे थे। लिहाजा, स्वास्थ्यकर्मियों ने आपसी चंदा कर किसी तरह से साढ़े आठ हजार रूपये जमा कराये और मृतिका के परिजनों को अंतिम संस्कार के लिए सौंपे। वहीं अंचल कार्यालय की तरफ से 10 हजार रुपये देने की बात कही गयी है।
पारा मेडिकल संघ ने जताया दुख
पारा मेडिकल संघ ने जताया दुख
इधर घटना पर झारखंड आल पारा मेडिकल एसोसिएशन ने दुख जताया है। एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार सिंह ने घटना पर दुख जताते हुए दिवंगत एएनएम की आत्मा की शांति की प्रार्थना की है। उन्होंने इस दौरान स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि
प्रदेश में कई जगहों पर स्वास्थ्यकर्मियों को वेतन नहीं मिल रहा है। सोमवार को इस मामले में हमने एसोसिएशन की तरफ से स्वास्थ्य विभाग के प्रधानसचिव को ज्ञापन सौंपा है। काम इमानदारी से करने के बावजूद वेतन नहीं मिलना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और अमानवीय है। मृतिका बहुत इमानदारी से काम कर रही थी, वो ड्यूटी में जाने के दौरान हादसे का शिकार हुई है, लिहाजा उन्हें सरकारी प्रावधान के मुताबिक त्तत्काल राशि मिलनी चाहिये, साथ ही कोरोना वारियर्स का दर्जा देते हुए 50 लाख बीमा की राशि का भुगतान किया जाना चाहिये। हमारे लिए एक-एक स्वास्थ्यकर्मी की जान की कीमत महत्वपूर्ण है।
आपको बता दें कि मलेरिया के तहत काम करने वाले प्रदेश के कई स्वास्थ्यकर्मियों को महीनों से वेतन नहीं मिला है। पारा मेडिकल एसोसिशन की तरफ से कई बार ज्ञापन सौंपकर अधिकारियों का ध्यान आकृष्ट कराया गया है, लेकिन वेतन भुगतान को लेकर पहल नहीं की गयी है।