मुजफ्फरपुर। बिहार में इन दिनों सिर्फ शिकंजा शिक्षकों पर ही नहीं कसा जा रहा, बल्कि शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर भी गाज गिर रही है। मुजफ्फरपुर के डीसी के आदेश पर लापरवाह शिक्षा अधिकारी व हेडमास्टर के वेतन भुगतान पर रोक लगाने का आदेश दिया। इन सभी का किसी भी तरह का विपत्र कोषागार से पास नहीं होगा।

मामला शिक्षा विभाग के कर्मियों की ओर संपत्ति का ब्योरा नहीं देने का है। डीएम ने मामले को काफी गंभीरता से लिया है। 16 बीईओ व 13 प्रखंड के राजकीय व प्रोजेक्ट स्कूलों के एचएम का वेतन बंद कर दिया गया है। डीएम ने कर्मियों की सूची, संपत्ति का ब्योरा नहीं देने के कारण शिक्षा विभाग के सभी प्रकार के विपत्रों की निकासी पर रोक लगा दी है।

डीपीओ स्थापना ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। साथ ही उन सभी से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। डीपीओ की मानें तो 16 जनवरी के निर्देश के आलोक में 31 जनवरी को समूह क , ख व ग श्रेणी के कर्मियों की सूची, चल-अचल सम्पत्ति एवं दायित्वों का विवरण आठ फरवरी तक उपलब्ध कराने को निर्देश दिया गया था।

निर्धारित अवधि तक संबंधित विवरण प्राप्त नहीं होने से डीएम द्वारा सभी प्रकार के विपत्रों की निकासी पर अगले आदेश तक रोक लगा दी गई है। सभी की चल-अचल सम्पत्ति व दायित्वों का विवरण प्राप्त होने तक वेतन स्थगित रहेगा। शिक्षा विभाग की मानें तो बार-बार आदेश के बावजूद ये लोग संपत्ति का ब्योरा नहीं दे रहे है।

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