नयी दिल्ली। भारत में कोरोना अभी गया नहीं है कि नयी बीमारी मंकी पाक्स ने देश में स्वास्थ्य जगत की चिंताएं बढ़ा दी है। देश में मंकी पाक्स का पहला मरीज मिला है। ये मरीज केरल में मिला है और हाल ही में UAE से लौटा है। लौटने के बाद ही उसके अंदर मंकी पाक्स के लक्षण थे। उसका टेस्ट कराया गया, जिसमें उसकी रिपोर्ट पाजेटिव आयी है। मरीज के संपर्क में आये लोगों की भी पहचान कर ली गयी है। जिसमें उसके माता, पिता और एक टैक्सी चालक के अलावे एक आटो चालक और बागल की सीट पर बैठे 11 यात्री शामिल थे।

 केस सामने आने के बाद केंद्र सरकार ने राज्य की सहायता के लिए एक टीम भेजी है, जिसमें राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) के विशेषज्ञ शामिल हैं. इससे पहले दिन में, केंद्र सरकार ने राज्यों को सावधानी बरतने के लिए लिखा था. अफ्रीका के बाहर मंकीपॉक्स के मामले शायद ही कभी रिपोर्ट किया गया था. सरकार ने मई में इसे लेकर दिशानिर्देश जारी किए थे.

मंकीपॉक्स एक वायरस है जो एक विशिष्ट ऊबड़ चकत्ते के अलावा बुखार के लक्षणों का कारण बनता है. यह आमतौर पर हल्का होता है. इसके दो मुख्य प्रकार बताए गए हैं. एक है कांगो स्ट्रेन, जो अधिक गंभीर है, इसमें 10 प्रतिशत तक रोगियों की मृत्यु का कारण बनता है. वहीं पश्चिम अफ्रीकी नस्ल, जिसकी मृत्यु दर लगभग 1 प्रतिशत है. दो महीने पहले, मंकीपॉक्स के कुछ मामलों के बाद वैज्ञानिक चिंतित थे. ये ज्यादातर अफ्रीका के पश्चिमी और मध्य क्षेत्रों में होते हैं. यूनाइटेड किंगडम, पुर्तगाल और स्पेन में ज्यादातर इसके मामले रिपोर्ट किए गए थे.

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