चंडीगढ़। अनियमित कर्मचारियों को नियमित करने के मामले में झारखंड सरकार ने भले ही अभी कोई फैसला नहीं लिया हो, लेकिन उड़ीसा के बाद पंजाब सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य सरकार ने 14239 अनियमित व संविदा शिक्षकों को नियमित करने का ऐलान किया है। आम आदमी पार्टी की सरकार ने ये बड़ा फैसला लिया है। मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने बड़ा ऐलान करते हुए 14,239 टीचरों को रेगुलर करने की घोषणा की।

मान ने कहा- जो 7092 टीचर 10 साल या इससे अधिक समय तक नौकरी कर चुके हैं, उन्हें रेगुलर किया जाएगा। जिन 6437 टीचरों की सर्विस में ब्रेक आने से वह 10 साल पूरे नहीं कर सके। ऐसे अध्यापकों के सर्विस ब्रेक को भी पंजाब सरकार ने उनके सर्विस काल में गिनने का फैसला किया है। ऐसे में पड़ाव में नौकरी की शर्त हटाकर रेगुलर किए जाएंगे।उन्होंने टीचरों के पे-स्केल, पेड छुट्‌टी व मैटरनिटी लीव और हर साल सैलरी में बढ़ौतरी का मामला विधानसभा में लाने की बात कही।

झारखंड में भी नियमितिकरण की लंबे समय से है मांग
झारखंड में स्वास्थ्य विभाग सहित अन्य विभाग के संविदा, अनियमित और दैनिक वेतनभोगी कर्मचारी नियमितिकरण की मांग करते रहे हैं। लेकिन उनकी मांगों पर बहुत ज्यादा सरकार ने गंभीरता नहीं दिखायी है। हालांकि जनवरी में पारा मेडिकल कर्मियों की हड़ताल के पूर्व एक उम्मीद बंधी थी, लेकिन बाद में वो मामला भी ठंडे बस्ते में चला गया। झारखंड के अभियान निदेशक को इस संबंध में पत्र लिखकर संविदा कर्मियों का विस्तृत प्रतिवेदन मांगा गया था। पत्र में कहा गया है कि कार्मिक प्रशासनिक सुधार और राजभाषा विभाग ने 13 नवंबर 2020 को निर्देश जारी किया था। राज्य सरकार के अंतर्गत स्वास्थ्य विभाग के अधीन विभिन्न कार्यालयों व स्वास्थ्य संस्थानों में अनुबंध/संविदा पर कार्यरत कर्मियों की सेवाशर्तों में सुधार एवं नियमितीकरण किया जाना है। इसके निमित्त विस्तृत प्रतिवेदन 22 जनवरी तक स्वास्थ्य विभाग को उपलब्ध कराया जाए। लेकिन महीनों गुजर जाने के बाद इस मामले में प्रगति अभी तक नहीं हो पायी है। गौरतलब है कि भारत सरकार द्वारा दिए गए निर्देश के अनुसार, झारखंड NHM के तत्कालीन अभियान निदेशक की अध्यक्षता में अनुबंधकर्मियों के समायोजन को लेकर एक कमेटी गठित की गयी थी। समिति द्वारा स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत रिक्त पदों के विरुद्ध एनएचएम में कार्यरत अनुबंधकर्मियों के समायोजन की अनुशंसा की गयी। इसके बाद वर्ष 2014 में एनएचएम, झारखंड में अनुबंध पर कार्यरत कर्मियों (एएनएम व ए ग्रेड नर्स को छोड़कर) के नियमितीकरण को लेकर संचिका भी प्रारंभ किया गया था। बावजूद इसके आज तक समायोजन की कार्रवाई नहीं की जा सकी है।

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