रांची। नियमितिकरण की मांग कर रहे MPW कर्मचारी जल्द नियमित होंगे। राज्य सरकार की तरफ से इस संदर्भ में पहल शुरू हो गयी है। सबकुछ अनुकूल रहा, तो जल्द ही इस मामले में राज्य सरकार की तरफ से आदेश भी जारी हो जायेगा। दरअसल बुधवार को नियमितिकरण को लेकर एमपीडब्ल्यू कर्मचारी संघ के प्रदर्शन में खुद स्वास्थ्य विभाग के निदेशक डाक्टर मार्शल आइंद पहुंचे और उन्होंने आंदोलन में मौजूद कर्मचारियों को आश्वस्त किया कि उनके नियमितिकरण का प्रस्ताव विभाग को भेज दिया गया है।

निदेशक ने सभी प्रदर्शनकारियोंको आश्वस्त किया कि राज्य सरकार सभी एमपीडब्ल्यू कर्मचारियों को समायोजित करेगी। उन्होंने ये भी कहा कि नियमितिकरण के पूर्व सभी का बकाया भुगताना भी होगा और जबतक उनका नियमितिकरण नहीं हो जाता, तब तक उनकी सेवावृद्धि भी की जायेगी।
स्वास्थ्य निदेशक ने इस दौरान एमपीडब्ल्यू कर्मचारियों के एक प्रतिनिधिमंडल को अपने चैंबर में बुलाया और उन्हें लिखित समझौता पत्र दिया। आपको बता दें कि एमपीडब्ल्यू कर्मचारी लंबे समय से अपने नियमितिकरण की मांग को लेकर अड़े हुए थे। बुधवार को संघ की तरफ से एमपीडब्ल्यू कर्मचारियों को नियमितिकरण करने, 2019, 2022 में विभाग के अधिसूचित नियमावली को निरस्त करने, पूर्व के श्रावणी मेला में प्रतिनियुक्ति की बकाया राशि जारी करने, सेवा विस्तार करने आदि मांगों को लेकर प्रदर्शन किया गया था।

ये पदाधिकारी धरना में रहे मौजूद
धरना प्रदर्शन के दौरान झारखंड राज्य अराजपत्रित कर्मचारी महासंघ के महाममंत्री सुनील कुमार साह, आशीर्वाद महतो, सौरभ दुबे सहित संघ के अध्यक्ष पवन कुमार, महासचिव कार्तिक उरांव, कार्यकारी अध्यक्ष संजय कुमार, मोहम्मद हाशिम, विजय राम, प्रभाकर पाठक, जयप्रकाश, जैतून पूर्ति, गेनालाल मंडल, सूरज राम, मंगल हेम्ब्रम, वरूण पाल, विनोद कुमार वर्मा, संजय कुमार, रामानुज कुमार, सुजीत कुमार, विकास कुमार सिंह, प्रफुल्ल कुमार, गोविंद साहू सहित हजारों एमपीडबल्यू कार्यकर्ता मौजूद थे।
इस दौरान महासंघ के महामंत्री सुनील कुमार शाह ने धरना को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य में कार्यरत एमपीडबल्यू को राज्य सरकार तुरंत नियमित करे। उन्होंने कहा कि राज्य में जब कोरोना का काल था, उस दौरान भी एमपीडबल्यू जान की बाजी लगाकर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए काम कर रहा था। ऐसे कर्मचारियों को राज्य सरकार नियमित करने में देरी कर रही है, जो समझ से परे हैं।

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