धनबाद । उपायुक्त सह जिला दंडाधिकारी श्री वरुण रंजन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग ने डेंगू की रोकथाम के लिए संक्रमित मरीज के घर के आस-पास कन्टेनर सर्वे, लार्वानाशी दवा का छिड़काव, जन जागरूकता कार्यक्रम, हैण्डबील का वितरण, डोमपाड़ा में कंटेनर सर्वे सहित अन्य कदम उठाए।

MPW निभा रहे महत्वपूर्ण भूमिका

मलेरिया, डेंगू से सबंधित रोगियों की सर्वे में MPW ( मल्टी परपस वर्कर) महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं। जानकारी के अनुसार एमपीडब्ल्यू की नियुक्ति जिन क्षेत्रों में भी की गई है उनके पास उन क्षेत्रों का संपूर्ण आंकड़े रहने के कारण हर टोले मोहल्ले में जाकर सर्वे करना आसान हो रहा है।

जिले से क्षेत्र में जाने वाले VBD विभाग के कर्मी भी इनकी मदद से जरूरी सर्वेक्षण कार्य कर रहे हैं। इधर सिविल सर्जन ने भी VBD कंसलटेंट सहित अन्य कर्मियों को क्षेत्र में जाकर कार्य करने का निर्देश दिया है। मालूम हो की डेंगू के बढ़ते आंकड़े को देखते हुए जिले के उपायुक्त ने भी आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। जिसके बाद विभाग हरकत में आया।

क्या कहते हैं सिविल सर्जन

इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ चंद्रभानू प्रतापन ने बताया कि आज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र झरिया-सह-जोरापोखर के डेंगू प्रभावित क्षेत्र लोदना, लोदना नं 12, खपड़ाघौड़ा, बरकीटॉड़ एवं नूनूडीह के 66 घरों में कन्टेनर सर्वे, लार्वानाशी दवा का छिड़काव, जन जागरूकता कार्यक्रम, हैण्डबील का वितरण किया गया। साधारण बुखार वाले 06 व्यक्तियों का मलेरिया जांच किया गया। डेंगू के सम्भावित लक्षण वाले कोई भी मरीज नही पाये गये। साथ ही आसपास के क्षेत्रों में फोगिंग भी की गई।

सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र टुण्डी में भी डेंगू रोगी के नीचे टोला स्थित 44 घरों में कन्टेनर सर्वे, लार्वानाशी दवा का छिड़काव, थर्मल फॉगिंग, जन जागरूकता कार्यक्रम, हैण्डबील का वितरण किया गया। साधारण बुखार वाले कुल 06 व्यक्तियों का मलेरिया जांच किया गया। आर.डी. कीट से सभी बुखार वाले व्यक्तियों का मलेरिया जॉच ऋणात्मक पाया गया।

एसएनएमएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में कुल 28 रक्त नमूना का एलाइसा पद्वति से जांच की गई। जिसमें सभी रक्त नमूना ऋणात्मक पाये गये। सभी प्रकार के निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही हैं।

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