धनबाद । कोल इंडिया के मुख्यालय में चल रही JBCCI 11वीं की सातवीं बैठक भी बेनतीजा साबित हो चुकी है। कोयला वेतन समझौते को लेकर बुधवार को शुरू हुई इस बैठक में एक बार फिर मिनिमम गारंटी बेनिफिट को लेकर बात अटक गई। प्रबंधन ने एक बार फिर 10 फ़ीसदी मिनिमम गारंटी बेनिफिट देने का प्रस्ताव रखा लेकिन यूनियन इसको मानने को तैयार नहीं हुई। इसको लेकर दोनों ओर से तकरार बढ़ गई और बैठक को बीच में ही छोड़ जनप्रतिनिधि बाहर निकल गए। अब यूनियन प्रतिनिधि कोल इंडिया प्रबंधन को घेरने के लिए कर आपस में रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं।

मालूम हो कि,कोलकाता स्थित कोल इंडिया के मुख्यालय में कोयला कामगारों की 11वें वतन समझौते के लिए गठित जेबीसीसीआई की सातवीं बैठक बुधवार को तय समाय पर शुरू हुई। इस दौरान पिछली बैठक की तरह ही सीआईएल प्रबंधन ने 10% मिनिमम गारंटी बेनिफिट देने का प्रस्ताव यूनियनों के समक्ष रखा, जबकि यूनियन जनप्रतिनिधि 30 फिसदी मिनिमम गारंटी बेनिफिट की मांग पर अड़ी रहे। इस वजह से बैठक बीच में ही खत्म हो गई। गौरमतलब है कि इससे पहले जेबीसीसीआई की छठी बैठक में भी कोल इंडिया प्रबंधन ने अधिकतम 10 फ़ीसदी एमजीबी देने की बात कही थी जबकि यूनियन ने ने 30% एमजीबी की मांग की थी।

बैठक की अध्यक्षता कोल इंडिया के चेयरमैन प्रमोद अग्रवाल कर रहे थे। वही यूनियनों की ओर से बीएमएस के प्रतिनिधि के लक्ष्मण रेड्डी, सुधीर घुरडे, के पी गुप्ता, एटक से रमेंद्र कुमार, सीटू से डीडी रमा, एचएमएस से शिव कुमार व सिद्धार्थ गौतम आदि मौजूद थे। इनके अलावा भी विभिन्न कंपनियों के सीएमडी, कोल इंडिया के निदेशक कार्मिक विनय रंजन आदि मौजूद थे।

1 घंटे तक रणनीति बनाकर फिर मीटिंग हॉल में लौटे

सूत्रों के अनुसार सीआईएल प्रबंधन की 10 फीसदी से अधिक एमजीबी नहीं देने के बात को यूनियन ने प्रस्ताव को रिजेक्ट कर दिया । चारों यूनियन से जुड़े जेबीसीसीआई सदस्यों ने बीच में ही बैठक से बाहर आकर करीब 1 घंटे तक आपस में चर्चा कर रणनीति तैयार की है। यह तय हुआ कि पिछली बार से कम एमजीबी किसी भी हाल में स्वीकार नहीं करेंगे। हालांकि 1 घंटे बाद यूनियन के प्रतिनिधि मीटिंग हॉल में लौट चुके हैं, फिलहाल कोई नतीजा नहीं निकला है।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...