CHC Govindpur: Give 1500 rupees, only then you will get the child, big game was being played in duty for the greed of money, off duty ANM collected money

धनबाद(गोविंदपुर)। स्वास्थ्य योजनाओं में फिसड्डी सीएचसी गोविंदपुर में पैसे का खेल बदस्तूर जारी है। भले ही आम जनता को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने में अधिकारियों और कर्मियों की कोई दिलचस्पी न रही हो परंतु भ्रष्ट्राचार की बढ़ावा देने में खासी भूमिका रही है। चाहे एमटीसी केंद्र के शून्य उपलब्धि की बात करें या फिर एएनएम और कर्मियों पर अधिकारियों की मेहरबानी का सिलसिला।

सूत्र बताते हैं गोबिंदपुर को फिसड्डी बनाने में अधिकारियों की भी खासी भूमिका रही है। ऐसा नहीं की पैसे के लेनदेन का खुलासा पहली बार सामने आई इसके पहले भी सरकारी योजनाओं या कार्यक्रम के लिए कर्मियों की दिए जाने वाले पैसे में भी खूब घाल मेल होता रहा है। शिकायत के वावजूद दोषी कर्मियों पर कोई कारवाई नही होती। भले ही बात बात में गोविंदपुर सीएचसी के प्रभारी पद छोड़ने की बात करते हों पर न तो पद छोड़ पाए, न ही बिगड़ती व्यवस्था पर अंकुश लगा पाए। मामला कुछ कर्मियों पर मेहरबानी की खास वजह…..? समझ से परे हैं।

पैसे का खेल ऐसा की..ड्यूटी किसी की, ड्यूटी कर रहा था कोई और

इसका ताजा उदाहरण प्रसव गृह में जिस एएनएम की ड्यूटी लगाई गई थी वो गायब थी उनके जगह पर एमटीसी में बिना आदेश के प्रतिनियुक्ति एएनएम उर्मिला कुमारी प्रसव गृह में डिलीवरी करा रही थी। मामला साफ है अपने काम में तो सरकारी कर्मी की दिलचस्पी रहती नहीं… तो बिना आदेश और जिम्मेवारी के डिलीवरी कराने एएनएम कैसे प्रसव गृह पहुंच गई? जबकि MTC की खराब उपलब्धि पर प्रभारी से लेकर कई कर्मियों का वेतन भी बंद किया है। उत्तर साफ है की मामला सीधे सीधे पैसे का लालच है। प्राप्त जानकारी के अनुसार गुरुवार को MTC में प्रतिनियुक्त एएनएम आशा कुमारी और सुनीता सिन्हा की प्रसव गृह में ड्यूटी थी।

परंतु आशा कुमारी के जगह पर एएनएम उर्मिला कुमारी प्रसव करा रही थी। सवाल ये है की आखिर किसके आदेश पर आशा कुमारी गायब थी और उर्मिला कुमारी प्रसव करा रही थी। जिसकी जानकारी प्रसव गृह के प्रभारी तक को नहीं है। जबकि ये तीनो एएनएम MTC में प्रतिनियुक्त हैं। घटना की जानकारी मिलने पर स्थानीय जिप सदस्य शोहराब अंसारी ने कहा की इस मामले की उच्च पदाधिकारी तक ले जाया जायेगा।

प्रसव के बाद 1500 रुपये दो तभी मिलेगा बच्चा

गौरतलब है कि गुरुवार को संध्या लगभग चार बजे गोविंदपुर प्रखंड के नौडीहा गांव के अत्यंत गरीब दलित परिवार की महिला सुमति देवी अपने पति बलराम रजवार के साथ प्रसव कराने पहुंची थी। एडमिट होने के 1 घंटे के पश्चात उसने एक बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद बच्चा देने के एवज में अस्पताल की नर्स एवं कर्मियों के द्वारा 1500 रुपये की डिमांड की गई। काफी देर के बाद मान-मनौवल के बावजूद जब नर्सों का दिल नहीं पसीजा और वो नहीं माने तो मजबूरन उन्हें 1500 रुपये देने पड़े। रिश्वतखोरी की इस घटना की लिखित शिकायत करते हुए महिला के पति ने प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी से कार्रवाई की मांग की है।

CHC गोविंदपुर में प्रसव कराने पहुंची सभी महिला प्रसूता ने बताया की वहां प्रसव कराने पर पैसे की मुंहमांगी कीमत मांगी जाती है। प्रसव के पश्चात स्वास्थ्य लाभ ले रही थी, सभी के परिजनों ने डिलेवरी कराने वाली कर्मी पर 1500-1500 रुपये लेने का आरोप लगाया।

वहीं पूरे मामले में पर चिकित्सा पदाधिकारी एवं सिविल सर्जन ने फोन पर बताया कि दोषी कर्मियों पर जांच के बाद कार्रवाई होगी। ऐसे में बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि जब सरकारी अस्पताल में ही इस तरह से गरीब मरीजों के साथ नाइंसाफी होगी और उनसे पैसे की मांग की जाएगी तो लोग कहां जाएंगे? इधर पैसे लेने वाली कर्मियों को प्रभारी द्वारा स्पष्टीकरण पूछ कर खाना पूर्ति की जा रही है।

हर खबर आप तक सबसे सच्ची और सबसे पक्की पहुंचे। ब्रेकिंग खबरें, फिर चाहे वो राजनीति...