धनबाद । जिले के उपायुक्त लाख स्वास्थ्य व्यवस्था को सुधारने की कवायद में लगे हों उसके वावजूद स्वास्थ्य व्यवस्था सुधरने का नाम नहीं ले रही। विभागीय कारवाई के तहत अधिकारियों की वेतन बंद तक हो चुकी उसके वावजूद सिस्टम में सुधार और कार्यक्रम में उपलब्धि हासिल नहीं हो रही। आखिर इसके लिए जिम्मेदार कौन?

HWC आसना की CHO दूसरे प्रखंड में प्रतिनियुक्त

लगातार सभी कार्यक्रम में फिसड्डी रहने वाला गोविंदपुर स्वास्थ्य केंद्र में कारनामे भी एक से बढ़कर एक है। अभी हाल ही में चर्चा का केंद्र बिंदु रहे स्वास्थ्य केंद्र आसना को स्वास्थ्य विभाग स्वास्थ्य उपकेंद्र से हटाकर HWC बनाया गया। जहां पर बतौर CHO की नियुक्ति भी की गई।

परंतु प्राप्त जानकारी के अनुसार काफी दिन पूर्व आसना में पदस्थापित CHO की प्रतिनियुक्ति किसी दूसरे प्रखंड में कर दी गई।जिस कारण भी इस HWC के आसपास के क्षेत्र को स्वास्थ्य लाभ नहीं मिल पा रहा। ऐसे में ये सवाल उठना भी लाजिमी है की CHO की नियुक्ति के साथ ही उस केंद्र बार बहुत सारी सुविधाएं उपलब्ध होनी शुरू हो जाती है।

उस क्षेत्र में कार्यरत CHO को मानदेय के अलावा परफॉर्म बेस (perform base) इंसेंटिव का भुगतान भी किया जाता है। उसके अलावा प्रत्येक वर्ष स्थानीय व्यवस्था सुदृढ़ के लिए विभाग की तरफ से अलग से अनटाइड फंड भी दी जाती है।

जबकि जिले के उपायुक्त द्वारा सभी स्वास्थ्य केंद्रों में प्रसव सुविधा शुरू करने का निर्देश जारी किया गया है। ऐसे में अब तक स्वास्थ्य केंद्रों में ये सुविधा भी बहाल नही हो पाई है। हाल ही में IMI 0.5 टीकाकरण में भी गोविंदपुर प्रखंड की उपलब्धि मात्र 27 प्रतिशत ही रही है।

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