नई दिल्ली : केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत 81.35 गरीबों को अनाज एक साल तक मुफ्त अनाज देने का फैसला किया। केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में गरीबों को मुफ्त अनाज बांटने का फैसला किया गया है। इसमें यह तय किया 81.35 करोड़ गरीबों को 1 साल तक खदान उपलब्ध कराया जाएगा जिसमें पढ़ने वाले करीब 2 लाख करोड रुपए के आर्थिक बोझ को केंद्र सरकार खुद उठाएगी।

खाद्य मंत्री पीयूष गोयल ने मंत्रिमंडल की बैठक में लिए गए इस फैसले की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि एनएफएसए के तहत गरीबों को मुफ्त में अनाज मुहैया कराया जाएगा। इसके साथ ही सरकार ने 31 दिसंबर को खत्म होने जा रही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना की अवधि आगे ना बढ़ाने का फैसला किया है। इस योजना के तहत सरकार की तरफ से 81.35 करोड़ लाभार्थियों को मुफ्त राशन दिया जाता रहा है। इस योजना के तहत दिया जाने वाला अनाज एनएफएसए के तहत मिलने वाली सब्सिडी युक्त अनाज से अलग होता है।

खाद्य सुरक्षा की गारंटी देने वाले एनएफएसए कानून के तहत सरकार की तरफ से हर एक पात्र व्यक्ति को हर महीने 5 किलोग्राम अनाज दो तीन रुपए प्रति किलो के भाव पर मुहैया कराया जाता रहा है। वही अंत्योदय अन्न योजना में आने वाले परिवारों को हर महीने 35 किलो अनाज मिलता है। एनएसएसए के तहत गरीबों को तीन रुपए किलो की दर पर चावल और 2 रुपए प्रति किलो की दर पर गेहूं मुहैया कराया जाता है।

सरकारी अधिकारियों ने एनएफएसए के तहत 81 करोड़ से अधिक लोगों को मुफ्त राशन देने के केंद्रीय मंत्रिमंडल के इस फैसले को देश के गरीबों के लिए नए साल का उपहार बताया है। उन्होंने कहा कि लाभार्थियों को अब खाद्यान्न के लिए एक भी रुपया नहीं देना होगा। इस पर आने वाले करीब 2 लाख करोड रुपए के बोझ को सरकार ही उठाएगी।

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