रांची : राष्ट्रीय जनता दल के चिकित्सा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष सह प्रदेश महासचिव डॉ अरुण कुमार के चिकित्सा प्रकोष्ठ राजद द्वारा लगातार झारखण्ड सरकार से मांग और अथक प्रयास के कारण महागठबंधन की झारखण्ड सरकार ने डॉक्टर्स और चिकित्सकीय सेवा से जुड़े लोगों के जान माल की सुरक्षा हेतु कैबिनेट द्वारा मेडिकल प्रोटक्शन एक्ट (हिंसा व सम्पति नुकसान निवारण क़ानून) का बिल पास किया।


अब इस एक्ट के तहत झारखंड में मेडिकल प्रोटेक्शन कानून-२३ लागू

१. प्रेस्क्रिप्शन के साथ -साथ अस्पताल या प्राइवेट डाक्टर को ओपीडी और आईपीडी की सुविधा लिखित में देनी होगी.

२.सूचना पट्ट पर इलाज और आपरेशन का खर्च दिखाना बाध्यकारी.

३. मृत मरीज को रोकने पर कार्रवाई.

४.गलत इलाज के शिकायत का निवारण के लिए पुलिस थाना जांच नहीं करेंगे. एडीएम को १५ दिन के अंदर रिपोर्ट देना होगा.

५. प्रत्येक अस्पताल में कंट्रोल रूम रखना आवश्यक

६. डाक्टर को मारने-पीटने या अस्पताल के भवन तोड़ने पर मरीज को ५० हजार और दो वर्ष की सजा.


इस एक्ट के पास होने पर डॉ अरुण ने महागठबंधन के माननीय मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन जी व माननीय श्रम मंत्री श्री सत्यानंद भोगता जी को धन्यवाद किया। डॉ मुकेश कुमार, डॉ देब्यांशु चक्रवती, डॉ. सोनू,डॉ. राजेश कुमार,डॉ अभय कुमार डॉ. प्रीति, डॉ ज्योत्स्ना सहित सभी डॉक्टर्स और मेडिकल सेवा से जुड़े तमाम लोगों को धन्यवाद कहा जिन्होंने इस एक्ट को पारित कराने में अपनी अहम भूमिका निभाई है।

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