रामगढ़। …आखिरकार वही हुआ जिसका डर हेमंत सरकार को था।आजसू प्रत्याशी सुनीता चौधरी करीब 21 हजार वोट से विजयी हुई. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी बजरंग महतो को 21,644 वोट से शिकस्त दी है. सुनीता चौधरी को 1,13,243 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के बजरंग महतो को 91,577 वोट मिले. इसके साथ ही सुनीता चौधरी ने पिछली हार का बदला भी लिया।

रामगढ़ उपचुनाव में तमाम समीकरण और सहानुभूति के आंकड़ों को उलटा करते हुए NDA ने रामगढ़ उपचुनाव जीत लिया है। UPA सरकार में रहते रामगढ़ उपचुनाव हारना पार्टी के लिए बड़ा झटका है। चुनाव विशेषज्ञ मानते हैं कि प्रदेश की नियोजन नीति, बेरोजगारी और वादाखिलाफी हेमंत सोरन को भारी पड़ी है। नियोजन नीति कोलेकर प्रदेश में जिस तरह से उबाल था, उसने युवाओं के वोटों काफी हद तक ध्रुवीकरण कर दिया।

चुनाव प्रचार के दौरान नियोजन नीति को लेकर युवाओं का गुस्सा दिखकर सोरेन सरकार काफी सहमी हुई भी थी, लिहाजा इस हार को युवाओं के प्रति नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा था। दूसरी तरफ हेमंत सोरेन ने खुद रामगढ़ उपचुनाव में प्रचार का जिम्मा संभाला था, उन्होंने पूर्व विधायक की बच्चे को गोद में लेकर सहानुभूति का जो कार्ड खेलना चाहा था, उसे जनता ने बिल्कुल ही नकार दिया।

27 फरवरी को हुआ था चुनाव


27 फरवरी को उपचुनाव के लिए हुए मतदान में लगभग दो लाख 28 हजार मतदाताओ ने वोट डाले थे. इसमे पुरूष एक लाख 15 हज़ार 931 और महिला एक लाख 12 हज़ार 221 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया, यानी 67.96 प्रतिशत वोटिंग हुई थी. चुनाव मैदान में कुल 18 उम्मीदवार खड़े थे। इनमें मुख्य मुकाबला कांग्रेस के बजरंग महतो और आजसू पार्टी की सुनीता चौधरी के बीच माना जा रहा था। मालूम हो कि ममता देवी को 5 वर्ष की सजा होने के बाद उनकी विधायक की सदस्यता रद्द होने के बाद यहां पर उपचुनाव हुआ है. रामगढ झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का गृह जिला है. ऐसे में पूरे झारखंड की नज़र रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव के परिणाम पर थी।

रामगढ़ में उपचुनाव कराने की जरूरत क्यों हुई महसूस
मालूम हो कि गोला गोली कांड में कांग्रेस विधायक ममता देवी को सजा होने के बाद उनकी सदस्यता खत्म हो गई, जिसके चलते यह सीट खाली हो गई और तय नियम के मुताबिक ममता देवी 11 साल तक किसी भी चुनाव में भाग नहीं ले सकती हैं। उन्हें पांच साल कैद की सजा सुनाई गई है। बता दें कि इस गोलीकांड में दो की मौत होने के साथ 24 लोग घायल भी हुए थे।

पुलिस के भी थे तगड़े इंतजाम


बता दें कि काउंटिंग के लिए 40 टेबल लगाए गए हैं, जहां 11 राउंड में पूरी काउंटिंग संपन्न हुई. इस चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस के बजरंग महतो और आजसू पार्टी की सुनीता चौधरी के बीच ही था, वैसे इस उपचुनाव में कुल 18 उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं. रामगढ़ उपचुनाव UPA और NDA दोनों के लिए काफी अहम था.
निर्वाचन पदाधिकारी रामगढ़ के एसडीओ मोहम्मद जावेद हुसैन ने बताया कि पूरे मतगणना केंद्र को सीसीटीवी कैमरे की निगरानी रखा गया था। काउंटिंग की वीडियोग्राफी भी की जा रही थी भारी संख्या में सुरक्षा बल के जवानों को तैनात किया गया थी। मतगणना सेंटर के 100 मीटर की परिधि में धारा 144 लगाई गई थी। बिना अनुमति के किसी को भी मतगणना कैंपस में प्रवेश की अनुमति नहीं थी।

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