बड़ी खबर । शिमला के समरहिल इलाके में स्थित शिव बावड़ी मंदिर भारी बारिश की वजह से भूस्खलन की चपेट में आ गया। 15 से 20 लोग मलबे में दबे हुए हैं। रात 8 बजे तक यहां से 2 बच्चों समेत 11 शव निकाल लिए गए। बाकी की तलाश अब भी जारी है।

सुबह लगभग साढ़े 7 बजे हुए इस हादसे के बाद दिनभर बारिश के बीच बचाव कार्य चलता रहा। दिन ढलने के बाद तेज बारिश के बीच जनरेटर से लाइट का इंतजाम करके रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है।

बारिश से रेस्क्यू में दिक्कत

लगातार हो रही बारिश और पहाड़ी से गिर रहे पत्थरों की वजह से मंदिर में रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कत आती रही। मंदिर के ऊपर मलबे के साथ चार-पांच पेड़ भी आ गिरे। इसी से ज्यादा नुकसान हुआ। हादसे के तुरंत बाद SDRF, ITBP, पुलिस और स्थानीय लोग रेस्क्यू में जुट गए। लैंडस्लाइडिंग के लगभग पांच घंटे बाद रोड ठीक करके मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीन मौके पर लाई गई।

हिमाचल प्रदेश में दो दिन से तेज बारिश हो रही है। पिछले 24 घंटे में प्रदेश में लैंडस्लाइड, बादल फटने और बारिश से जुड़ी अलग-अलग घटनाओं में 52 लोगों की जान चली गई। मौसम विभाग ने राज्य में 16 अगस्त तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है।

पिछले 24 घंटे में मौत का आंकड़ा

जगह मौत का आंकड़ा

मंडी 19

शिमला 16

सोलन 10

सिरमौर 4

हमीरपुर 1

कांगड़ा 1

चंबा 1

कुल 52

CM घटनास्थल का दृश्य देख हुए भावुक

हिमाचल के CM सुखविंदर सिंह सुक्खू भी शिमला में घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि स्थानीय प्रशासन मलबे को हटाने के लिए काम कर रहा है। फंसे लोगों को निकाला जा रहा है। उधर, CM के मीडिया एडवाइजर नरेश चौहान ने कहा- 10 से 15 लोगों के फंसे होने की आशंका है।

मुख्यमंत्री ने जिला सोलन की ग्राम पंचायत ममलीग में भूस्खलन से प्रभावित जड़ोन गांव का दौरा भी किया। यहां बादल फटने से एक ही परिवार के 7 सदस्यों की मृत्यु हुई है। मुख्यमंत्री त्रासदी देख भावुक हुए और कहा कि राज्य सरकार की ओर से प्रभावित परिवार को हर संभव सहायता प्रदान की जाएगी।

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