Breaking: 10 MLAs along with senior Congress leaders will join BJP! reached Delhi

पॉलिटिक्स न्यूज। लोकसभा चुनाव से कुछ ही दिन पहले कांग्रेस को बड़ा झटका लग सकता है। एक तरफ न्याय यात्रा पर राहुल गांधी हैं तो दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी में फुट की संभावना बढ़ गई है। झारखंड मे भी सरकार में मंत्री पद की लेकर कांग्रेस मे खींचतान जारी है तो वही अब पुराने कांग्रेस नेता के बगावत की खबर आ रही है।

बताया जा रहा है की सिंधिया की तरह ही कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ अपने बेटे नकुलनाथ के साथ बीजेपी में शामिल हो सकते हैं। इसके अलावा कमलनाथ के साथ एमपी के 10 कांग्रेस विधायक और दो महापौर भी बीजेपी में शामिल हो सकते है। सूत्रों का कहना है कि कमलनाथ का बीजेपी में जाना तय हो गया है। सूत्रों का यह भी कहना है कि कमलनाथ शनिवार को नहीं बल्कि रविवार को बीजेपी में शामिल हो सकते है। इन्हीं अटकलों के बीच कांग्रेस नेता कमलनाथ शनिवार दोपहर दिल्ली पहुंचे हैं।

कमलनाथ ने मीडिया से कहा

कमलनाथ ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के साथ जाने की अटकलों के बीच शनिवार को कहा कि अगर ऐसी कोई बात होगी तो वह मीडिया को जानकारी देंगे। वह आज दोपहर में दिल्ली पहुंचे। कमलनाथ पिछले कुछ दिनों से मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा के दौरे पर थे, जहां से वह नौ बार सांसद रहे हैं। उनके पुत्र नकुल नाथ वर्ष 2019 के चुनाव में इस सीट से लोकसभा सदस्य निर्वाचित हुए।

दिल्ली पहुंचने के बाद कमलनाथ ने बीजेपी में शामिल होने की संभावना से जुड़े सवालों पर कहा, “आप लोग बहुत उत्साहित हो रहे हैं। यह मैं नहीं कह रहा हूं, आप लोग कह रहे हैं। अगर ऐसी कोई बात होगी तो सबसे पहले आप लोगों को जानकारी दूंगा।’उन्होंने कहा, ‘मैं उत्साहित नहीं हूं, ना इस तरफ, ना उस तरफ। अगर ऐसी कोई बात होगी तो सबसे पहले आप लोगों को खबर करूंगा।’

क्या कहते हैं सूत्र

मानें तो कमलनाथ जल्द ही बीजेपी के बड़े नेताओं संग बैठक कर सकते हैं। साथ ही बीजेपी अधिवेशन के तुरंत बाद बीजेपी के एक बड़े चेहरे के हाथों ये सभी बीजेपी की सदयता ले सकते हैं। इस बीच कांग्रेस समर्थक पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने सोशल मीडिया प्रोफाइल से कांग्रेस का लोगो हटा लिया है। मालूम हो कि सज्जन सिंह वर्मा की गिनती कमलनाथ के सबसे कट्टर समर्थकों में होती है।

क्या है नाराजगी की वजह

कहा जाता है कि कमलनाथ राज्यसभा सीट नहीं मिलने से नाराज हैं और पिछले साल के आखिर में पार्टी के विधानसभा चुनाव हारने के बाद से राहुल गांधी भी उनके विरोध में हैं। विधानसभा चुनाव में हार के बाद कमलनाथ को पार्टी की मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से मुक्त कर दिया गया था और उनके स्थान पर जीतू पटवारी को जिम्मेदारी सौंप गई थी। मध्य प्रदेश में भाजपा ने 230 सदस्यीय सदन में 163 सीट जीतकर सत्ता बरकरार रखी और कांग्रेस को सिर्फ 66 सीट से संतोष करना पड़ा।

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