पटना। बिहार में आरजेडी और जेडीयू में चल रही सियासी खींचतान अब अंजाम पह पहुंचती दिख रही है। साफ हो गया हा कि बिहार में चाचा-भतीजा की जोड़ी टूट गयी है। सूत्रों के मुताबिक, नीतीश रविवार सुबह 10 बजे राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंपेंगे। इसके साथ ही वे नई सरकार बनाने का दावा भी पेश करेंगे। JDU कोर कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया। नीतीश राज्यपाल से कल ही नए मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ दिलाने को भी कहेंगे।

इससे पहले बिहार में बड़ी तेजी से घटनाक्रम हो रहा है। नीतीश कुमार फिलहाल चुप्पी साधे हुए हैं, तो वहीं आरजेडी के खेमे में हलचल तेज है। राबड़ी देवी निवास पर आरजेडी विधायकों की बैठक चल रही है। बैठक में पहुंचने वाले सभी विधायकों के मोबाइल फोन बाहर ही रखवा लिये गये हैं, वहीं अंदर की बातों को बाहर नहीं जाने देने की हिदायत दी गयी है। इससे पहले CM नीतीश ने शनिवार सुबह राजद कोटे के मंत्रियों के कामकाज पर रोक लगा दी थी। इसके बाद राज्य के कृषि मंत्री कुमार सर्वजीत ने सरकारी गाड़ी लौटा दी।

इधर दिल्ली से पटना पहुंचे भाजपा के राज्यसभा सांसद राकेश सिंह ने कहा है कि दुनिया ने मोदी का सुशासन देखा है। अब बिहार की जनता भी मोदी का सुशासन देखना चाहती है।वहीं कांग्रेस ने बिहार के हालात पर नजर रखने के लिए छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को ऑबजर्वर नियुक्त किया है। जिस इंडिया गठबंधन की नींव उन्होंने रखी। उसमें नीतीश कुमार (Nitish Kumar) को कोई पूछ नहीं रहा था। बात तो प्रधानमंत्री प्रत्याशी तक बनाने की थी लेकिन संयोजक तक बनाने में कांग्रेस नेतृत्व कतरा रहा था। जिस खड़गे को कोई जानता नहीं था, उसे आगे किया गया। ऐसे में नीतीश कुमार क्या करते।

बिहार में महागठबंधन सरकार कभी भी गिर सकती है। बस मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के घोषणा का इंतजार है। बता दें कि इससे पहले कल नीतीश कुमार राजभवन पहुंचे थे, लेकिन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव नहीं पहुंचे थे। जिसके बाद अटकलों को और बल मिल गया। वहीं 26 जनवरी के एक कार्यक्रम में नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच दूरी भी देखी गई। एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें दोनों को एक दूसरे से 5 फीट की दूरी पर खड़ा देखा गया।

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