मनोज बाजपेई के समर्थन से बिग बॉस फेम दीपक ठाकुर को मिला बड़ा मौका! बिहारी लोक संस्कृति का जादू बिखेरता है दीपक का गाना ‘चक्का जाम हो जाए”
Bigg Boss fame Deepak Thakur got a big opportunity with the support of Manoj Bajpayee! Deepak’s song ‘Chakka Jam Ho Jaye’ spreads the magic of Bihari folk culture.
मुंबई। मनोज बाजपेई की बहुचर्चित फिल्म ‘भईया जी’ ने न सिर्फ देशभर में बल्कि विदेशों में भी धूम मचा रखी है। इस फिल्म में मनोज बाजपेई के साथ मुजफ्फरपुर के रहने वाले गायक दीपक ठाकुर भी लोगों की जुबां पर छाए हुए हैं।
वजह? फिल्म के दर्शकों को न सिर्फ इसकी कहानी और अभिनय पसंद आ रहा है, बल्कि इसका गाना ‘चक्का जाम हो जाई’ भी लोगों के दिलों में जगह बना रहा है। इस गाने को गाने और म्यूजिक कंपोज करने का श्रेय मुजफ्फरपुर के दीपक ठाकुर को जाता है।
दीपक ठाकुर ने फिल्म ‘भईया जी’ में अपने सुरीले आवाज और बेहतरीन म्यूजिक कंपोजिशन से सभी का दिल जीत लिया है। यह गाना फिल्म के प्रमोशन के दौरान ही सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था और अब फिल्म की सफलता के साथ यह गाना भी चार्टबस्टर्स पर राज कर रहा है।
“चक्का जाम” गाना क्षेत्रीय सिनेमा से एक अनोखा जुड़ाव प्रस्तुत करता है, जिसमें हिंदी और भोजपुरी का बेहतरीन मेल है। फिल्म की शुरुआत में ही यह गाना समा बांध देता है। पहला ही आइटम सॉन्ग “चक्का जाम हो जाई” दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर देता है। इसमें बिहार के रीति-रिवाज भी दिखाए गए हैं, जो फिल्म की कहानी से दर्शकों को जोड़ने का काम करते हैं।
दीपक ठाकुर के म्यूजिक कंपोजिशन की भी तारीफ होनी चाहिए, क्योंकि उनका संगीत फिल्म की हर कड़ी से जोड़ता है। यह म्यूजिक इतना प्रभावी है कि दर्शक फिल्म देखते वक्त अपनी कुर्सी नहीं छोड़ पाते।
बातचीत में दीपक ठाकुर ने बताया कि वे लंबे समय से काम की तलाश में थे और परेशान चल रहे थे। मुंबई लौटने के बाद, उन्होंने अपने सभी जानने वालों को मैसेज किया कि अगर उनके लिए कोई काम हो तो बताएं। उन्होंने मनोज बाजपेई को भी मैसेज किया, जिन्होंने तुरंत प्रोडक्शन हाउस को फोन किया। इसके बाद दीपक को बुलाया गया और “चक्का जाम” गाना बनाने का मौका मिला।
दीपक ठाकुर ने बताया कि यह गाना बिहारी लोक संस्कृति पर आधारित है और इसे लोग काफी पसंद कर रहे हैं। “बिग बॉस” फेम दीपक ठाकुर इससे पहले कई गाने गा चुके हैं। “चक्का जाम हो जाए… गाना बिहार में होने वाली शादियों की परंपरा को दर्शाता है और इसमें संगीत भी बिहारी लोक धुनों पर आधारित है।