झारखंड उपचुनाव पर बड़ी खबर : तीन प्रत्याशियों का नामांकन हो गया रद्द, इन 14 प्रत्याशियों का पर्चा पाया गया सही, 24 अक्टूबर तक ..
Big news on Jharkhand by-election: Nominations of three candidates cancelled, nominations of these 14 candidates found valid, till October 24.

घाटशिला। बिहार विधानसभा चुनाव के साथ झारखंड में भी उपचुनाव हो रहा है। पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला विधानसभा क्षेत्र में आगामी उपचुनाव को लेकर चुनावी तैयारियां जोरों पर हैं। नामांकन प्रक्रिया पूरी होने के बाद बुधवार को निर्वाचन अधिकारी द्वारा सभी नामांकन पत्रों की जांच की गई। जांच के दौरान तीन नामांकन पत्रों को रद्द कर दिया गया, जिससे अब कुल 14 उम्मीदवार ही चुनावी मैदान में बने हुए हैं।
रद्द हुए नामांकन
जांच में यह पाया गया कि तीन उम्मीदवारों के नामांकन में कानूनी अनियमितताएं थीं। जिन उम्मीदवारों के नामांकन रद्द किए गए हैं, उनमें शामिल हैं:
• मालती टुडू, निर्दलीय
• दुखीराम मांडी, आपकी विकास पार्टी
• मंगल मुर्मू, राष्ट्रीय सनातन पार्टी
निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि इन उम्मीदवारों के नामांकन पत्रों में आवश्यक दस्तावेज या वैधता से संबंधित खामियां पाई गईं, जिसके कारण उन्हें रद्द किया गया।
बचे हुए उम्मीदवार
तीन नामांकन रद्द होने के बाद, अब 14 उम्मीदवार चुनावी दौड़ में बने हुए हैं। इनमें विभिन्न राजनीतिक दलों और निर्दलीय उम्मीदवारों के प्रतिनिधित्व शामिल है। बचे हुए उम्मीदवारों की सूची इस प्रकार है:
• परमेश्वर टुडू, निर्दलीय
• श्रीलाल किस्कू, निर्दलीय
• बाबूलाल सोरेन, भाजपा
• सोमेश चंद्र सोरेन, झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो)
• पार्वती हांसदा, पीपुल्स पार्टी ऑफ इंडिया (डेमोक्रेटिक)
• मनसा राम हांसदा, निर्दलीय
• नारायण सिंह, निर्दलीय
• विकास हेम्ब्रम, निर्दलीय
• पंचानन सोरेन, भारत आदिवासी पार्टी (BAP)
• बसंत कुमार तोपनो, निर्दलीय
• रामदास मुर्मू, जेएलकेएम
• मनोज कुमार सिंह, निर्दलीय
• विक्रम किस्कु, निर्दलीय
• रामकृष्ण कांति माहली, निर्दलीय
निर्वाचन अधिकारियों ने स्पष्ट किया कि 24 अक्टूबर तक उम्मीदवारों के लिए नामांकन वापसी की अंतिम तारीख है। अगर कोई उम्मीदवार अपना नामांकन वापस लेता है तो चुनावी मैदान में उनकी संख्या घट सकती है। अन्यथा, कुल 14 उम्मीदवार ही उपचुनाव में हिस्सा लेंगे।
घाटशिला विधानसभा उपचुनाव में इस बार कई प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ कई निर्दलीय उम्मीदवार भी मैदान में हैं। भाजपा, झामुमो और अन्य क्षेत्रीय दल अपने-अपने समर्थकों के साथ चुनावी प्रचार में जुटे हैं। नामांकन रद्द होने के बाद, राजनीतिक दलों को अब अपने चुनावी रणनीति पर ध्यान केंद्रित करना होगा।









